पटना : पवित्र नदी गंगा की सफाई को लेकर केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि मार्च 2019 तक 70 से 80 फीसदी गंगा निर्मल हो जाएगी. उन्होंने कहा कि देश के 70 शहर गंगा को प्रदूषित कर रहे हैं, इसमें बिहार के 32 शहर शामिल हैं. यहां नमामि गंगे अभियान के तहत विशेष तरह की परियोजनाएं संचालित होंगी.
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए गुरुवार को गंगा किनारे के प्रमुख शहरों के पत्रकारों से बात करते हुए गडकरी ने कहा कि 1809 कंपनियां और फैक्ट्रियां गंगा को प्रदूषित कर रहीं हैं. ऐसी फैक्ट्रियों के प्रदूषित पानी को रोकने और गंगा की सफाई के लिए 214 परियोजनाएं संचालित हैं. इनमें से 41 अब तक पूरी हो चुकी हैं। निर्मल और अविरल गंगा के लिए गंगा किनारे अब तक 10 हजार पौधे लगाए जा चुके हैं. गंगा सफाई के लिए 20 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
गडकरी ने कहा कि राशि की कमी नहीं है.फिर भी शीघ्र ही राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्री, सांसद, विधायक और विधान पार्षद को पत्र लिखकर गंगा सफाई के लिए एक माह वेतन देने की अपील करेंगे. गडकरी ने कहा कि गंगा किनारे बसे 10 औद्योगिक नगरों के कारण ही गंगा में प्रदूषण का स्तर इतना अधिक बढ़ा है. 10 बड़े शहर गंगा के प्रदूषण के लिए मूल रूप से जिम्मेदार हैं, जिनमें कानपुर का रेकॉर्ड सबसे खराब है. बिहार के नमामि गंगे परियोजना से 32 शहरों के गंगा घाटों का कायाकल्प होगा. घाटों का पक्कीकरण, संपर्क पथ, कम्युनिटी टॉयलेट, चेंजिंग रूम और पार्क समेत अन्य तरह की सुविधाएं विकसित होंगी. नमामि गंगे के तहत विकसित की जाने वाली सभी सुविधाओं के निर्माण कार्य खर्च केंद्र सरकार उठाएगी.
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