बॉलीवुड फिल्मों के जाने माने मशहूर स्टार कपल शाहरुख खान और गौरी की शादी को 33 साल हो चुके हैं, तथा दोनों हिंदू और मुस्लिम त्योहारों को मिलकर धूमधाम से मनाते हैं। वे एक-दूसरे की आस्थाओं का पूरा सम्मान करते हैं। हालांकि, इस इंटरफेथ शादी के लिए गौरी को अपने माता-पिता को मनाने में कड़ी मेहनत करनी पड़ी थी। शुरुआत में गौरी के माता-पिता इस शादी को लेकर असमंजस में थे। गौरी ने अबू जानी एवं संदीप खोसला के शो 'फर्स्ट लेडीज' में इस पर खुलकर बात की थी।
गौरी ने बताया था, "हम शाहरुख का नाम बदलकर अभिनव रख देते, तो मेरे माता-पिता को लगता कि वह हिंदू लड़का है। मगर यह बहुत बचकानी बात होती।" शादी के वक़्त गौरी के परिवार के कुछ लोगों को डर था कि कहीं शाहरुख उन पर धर्म बदलने का दबाव न डालें। अपने एक इंटरव्यू में शाहरुख ने कहा था, "मुझे याद है जब गौरी के पारंपरिक परिवार वाले बैठे थे एवं फुसफुसा रहे थे कि लड़का मुस्लिम है। क्या यह गौरी का नाम बदलेगा? मैंने मजाक में कहा था, 'गौरी, तुम अपना बुर्का पहनो, चलो नमाज पढ़ते हैं।' उस वक्त सभी हमें घूरने लगे और सोचने लगे कि मैंने पहले ही गौरी का धर्म बदल दिया है।"
शाहरुख ने हंसी में कहा, "अभी से गौरी बुर्का पहनेगी और उसका नया नाम आएशा होगा।" वहीं, 'कॉफी विद करण' के पहले सीज़न में गौरी ने धर्म न बदलने पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था, "मैं शाहरुख के धर्म का सम्मान करती हूं, मगर इसका मतलब यह नहीं कि मैं अपना धर्म बदलूंगी। हर किसी को अपनी आस्था का पालन करना चाहिए। शाहरुख ने कभी मेरे धर्म का अपमान नहीं किया।" गौरी ने यह भी बताया कि उनके बच्चे दोनों धर्मों का सम्मान करते हैं। चाहे दिवाली हो या ईद, वे सभी त्योहार मनाते हैं।
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