बेंगलुरु : बेंगलुरु में पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या की आलोचना पूरे देश में हो रही हैं. हत्या के विरोध में पत्रकार लामबंद हो रहे हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने एसआईटी का गठन किया है. जिसकी कमान पुलिस महानिरीक्षक (खुफिया) बीके सिंह को सौंपी गई है.
इस चर्चित हत्याकांड के संबंध में राज्य के गृह मंत्री रामालिंगा रेड्डी ने बताया कि पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) एम एन अनुचेत को 21 सदस्यीय एसआईटी के जांच अधिकारी बनाया गया है. जबकि इससे पहले कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी की अगुवाई में एक एसआईटी के गठन घोषणा करते हुए कहा कि सीबीआई द्वारा जांच कराने को लेकर उनकी सरकार के विचार खुले है.
गौरतलब है कि पत्रकार गौरी लंकेश की मंगलवार रात यहां उनके आवास पर अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी. उनका झुकाव वाम पंथ की ओर था हुए वे हिन्दुत्व की राजनीति के खिलाफ विचार व्यक्त करने के लिए जानी जाती थीं. गौरी लंकेश की हत्या के विरोध में बेंगलुरु से भोपाल तक और पटना से तिरुवनंतपुरम तक, अलग-अलग शहरों में पत्रकार सड़कों पर उतर आए. दिल्ली के प्रेस क्लब में दोपहर से पत्रकार, अलग-अलग संगठनों के लोग और नेता जुटने लगे. सबने इस हत्या को लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी बताया.
इस मौके पर कोल्हापुर के पनसारे हत्याकांड की जाँच की धीमी गति को लेकर बहू मेघा ने अपनी परेशानी बताई कि कोर्ट की पहल के बाद ही जांच आगे बढ़ी. दो आरोपियों में से एक को जमानत मिल गई,जबकि दूसरे ने अर्जी लगाई हुई है.
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