नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाई कोर्ट से कहा है कि वह कार्यकर्ता-पत्रकार गौरी लंकेश हत्याकांड के एक आरोपी के खिलाफ आरोप खारिज करने के आदेश से प्रभावित हुए बगैर उसकी जमानत याचिका पर निर्णय ले। गौरी लंकेश की बहन कविता लंकेश ने एक याचिका दाखिल की है, जिसमें आरोपी मोहन नायक के खिलाफ संगठित अपराध के आरोपों को खारिज किए जाने को चुनौती दी गई है।
इस याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक सरकार से जवाब मांगा है। जस्टिस ए एम खानविलकर की अगुवाई वाली तीन न्यायाधीशों की बेंच ने कर्नाटक सरकार और अन्य को नोटिस जारी किए और उनसे हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर कविता की याचिका पर अपना जवाब देने के लिए कहा है। जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस अनिरुद्ध बोस भी इस पीठ का हिस्सा थे।
बेंच ने कहा कि अंतरिम राहत का आग्रह करने और विशेष अनुमति याचिका दाखिल करने की इजाजत मांगने वाले प्रार्थियों को नोटिस जारी किए जाएं। उसने कहा कि, ''प्रतिवादी संख्या छह के वकील की दलीलें सुनने के बाद हमारा मानना है कि हाई कोर्ट के समक्ष दाखिल प्रतिवादी संख्या छह की याचिका पर उस फैसले से प्रभावित हुए बिना फैसला लिया जाए, जिसे चुनौती दी गई है।''
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