भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए पहले टेस्ट मैच में भारतीय गेंदबाज़ों के शानदार प्रदर्शन के बावजूद भारत मैच जीतने में नाकाम रहा, वजह रही भारत की लचर बल्लेबाज़ी. विराट कोहली को छोड़ कर भारतीय बल्लेबाज़ों में से कोई भी बल्लेबाज़ इंग्लिश गेंदबाज़ों का सामना नहीं कर सका. भारत के पूर्व क्रिकेटर और लिटिल मास्टर के नाम से मशहूर सुनील गावस्कर ने टेस्ट शुरू होने से पहले ही भारतीय सलामी बल्लेबाज़ शिखर धवन पर सवाल खड़े किए थे.
ज्यादा दिन तक नहीं टिकेंगे कोहली नंबर एक पर- मिचेल स्टार्क
गावस्कर ने कहा था कि अभ्यास मैच की दोनों परियों में नाकाम रहने वाले शिखर धवन की जगह चेतेश्वर पुजारा को स्थान देना चाहिए. लेकिन ऐसा नहीं किया गया और शिखर पहले टेस्ट मैच में भी फेल रहे, इसके बाद वे फिर से गावस्कर के निशाने पर आ गए. गावस्कर ने शिखर की बैटिंग शैली पर ऊँगली उठाते हुए कहा कि शिखर कतई भी अपने खेल और शैली में बदलाव नहीं करना चाहते. सनी बोले कि शिखर उसी अंदाज में बैटिंग करना चाहते हैं, जिस शैली उन्हें अभी तक सफलता दिलाई है.
पंड्या की कपिल से तुलना सही नहीं- गावस्कर
उन्होंने कहा कि शिखर टेस्ट मैच में भी वनडे की तरह खेल रहे हैं, वनडे में आप ऐसे शॉट खेल कर बच सकते हैं, लेकिन टेस्ट में जब आप बाहर जाती हुई गेंद को छेड़ते हैं तो वो बल्ले का किनारा लेकर स्लिप में चली जाती है और आप पवेलियन लौट जाते हैं. पूर्व सलामी बल्लेबाज ने कहा कि जब तक कोई बल्लेबाज विदेशी हालात मानसिक रूप से समायोजन नहीं करता, उसका लाल गेंद के खिलाफ संघर्ष चलता ही रहेगा. आपको बता दें कि शिखर पहले टेस्ट की दोनों परियों में 26 और 13 रन ही बना पाए थे.
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