चेन्नई: मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु के मंत्री और DMK के वरिष्ठ नेता वी सेंथिल बालाजी की जमानत याचिका खारिज कर दी है, जिन्हें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केंद्रीय जाँच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया था। न्यायमूर्ति जी जयचंद्रन की अध्यक्षता वाली अदालत ने विशिष्ट चिंताओं का हवाला देते हुए सेंथिल बालाजी को जमानत देने के खिलाफ फैसला सुनाया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, न्यायाधीश जी जयचंद्रन ने जमानत याचिका खारिज करने में योगदान देने वाले दो प्रमुख कारकों पर प्रकाश डाला है। सबसे पहले, याचिकाकर्ता का भाई कथित तौर पर लापता है, जिससे गवाहों या सबूतों के साथ संभावित हस्तक्षेप का संदेह पैदा हुआ। दूसरे, यह नोट किया गया कि DMK नेता सेंथिल बालाजी वर्तमान में बिना किसी विशिष्ट पोर्टफोलियो के मंत्री का पद संभाल रहे हैं, जिससे चल रही जांच में उनके संभावित प्रभाव के बारे में चिंताएं पैदा हो सकती हैं।
बता दें कि, सेंथिल बालाजी की गिरफ्तारी नौकरी के बदले नकदी घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी कथित संलिप्तता के कारण हुई है। यह घोटाला पूर्ववर्ती अन्नाद्रमुक शासन में परिवहन मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान हुआ था। इन आरोपों पर केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय की जांच जारी है।
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