सनातन धर्म में गायत्री मंत्र (gayatri mantra) को सबसे महत्वपूर्ण बताया गया है। जी हाँ, इसका अपना महत्व है। आप सभी को पता ही होगा बहुत से लोग अपने बच्चों को सबसे पहले इसी मंत्र को सिखाते हैं। वहीं पूजा-पाठ में भी गायत्री मंत्र का जप किया जाता है। जी दरअसल इस मंत्र को काफी प्रभावशाली कल्याणकारी माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि गायत्री मंत्र को अगर पूरे विधि-विधान से न किया जाए, तो इसका पूरा पुण्य नहीं मिलता है। इसी के साथ गायत्री मंत्र को करने के कुछ नियमों (gayatri mantra jaap rules) के बारे में बताया गया है। आपको बता दें कि मंत्र का जाप करते समय इन नियमों का पालन करना जरूरी है और जाप करते समय गलत उच्चारण से भी लोगों के जीवन पर प्रभाव पड़ता है। अब हम आपको बताते हैं गायंत्री मंत्र का जाप करते हुए किन बातों का ध्यान (Gayatri Mantra vidhi vidhan jaap) रखना चाहिए?
इस तरह का भोजन न करें- गायत्री मंत्र का जाप करने से पहले खान-पान का ध्यान रखे। जी दरअसल इस मंत्र की शुरुआत से पहले खानपान शुद्ध होना चाहिए। ध्यान रहे इस दौरान जाप करने वाले लोगों को मांसाहारी भोजन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा शराब नहीं लेनी चाहिए।
रोगों से मिलती है मुक्ति- कहा जाता है गायत्री मंत्र का जाप करने से लोगों को रोगों से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा घर में सुख-समृद्धि आती है। सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। कहा जाता है इस मंत्र का जाप करने के बाद पात्र में भरे हुए जल को पीना चाहिए।
पीले रंग के वस्त्र धारण कर जाप करें- कहते हैं सूर्योदय से थोड़ी देर पहले ही गायत्री मंत्र का जाप शुरू कर देना चाहिए। इसी के साथ दोपहर के समय भी गायत्री मंत्र का जाप किया जा सकता है। गायत्री मंत्र का जाप करते समय पीले रंग के वस्त्र धारण करें। जी हाँ क्योंकि ऐसा करना शुभ माना जाता है।
कम से कम 108 बार जाप करें- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गायत्री मंत्र का जाप करते समय आगे पीछे श्री का संपुट लगाकर जाप करें। आप इसका कम से कम 108 बार जाप करें, ऐसा करने से अच्छे फल की प्राप्ति होती है। इसका मंत्र जाप रुदाक्ष की माला से किया जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि रुद्राक्ष की माला को शुभ माना गया है।
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