गाजापट्टी विवाद पर संयुक्त राष्ट्र का बयान

गाजापट्टी विवाद पर संयुक्त राष्ट्र का बयान
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यरूशलेम: फलीस्तीन और इज़राइल के बीच वर्षों से गाजा पट्टी को लेकर विवाद जस का तस बना हुआ है, अभी शुक्रवार को गाजा सीमा पर प्रदर्शन कर रहे 16 प्रदर्शनकारियों को इजरायली सुरक्षा बलों ने मार गिराया था, ये फलीस्तीनी नागरिक भूमि दिवस (लैंड डे) के मौके पर प्रदर्शन कर रहे थे. फलीस्तीन के विशेष प्रतिनिधि रियाद मंसूर ने यह जानकारी संयुक्त राष्ट्र को दी.

इजरायली अधिकारीयों ने संयुक्त राष्ट्र को बताया कि फलीस्तीनी प्रदर्शनकारी इज़राइली सीमा की तरफ बढ़ते हुए "वापसी का महान जुलूस" के नाम से प्रदर्शन कर रहे थे. जुलूस का उद्देश्य था कि फलीस्तीनी अपने वापसी के अधिकार को मानते हुए उन कस्बों और गांवों में वापस जा रहे थे, जहां से साल 1948 में इज़राइल के निर्माण के बाद उनके परिवारों को भगाया गया था. जब यह जुलूस सीमा के ज्यादा नज़दीक आ गया तब इज़राइली सैनिकों ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां बरसाना शुरू कर दी, जिसमे 16 लोगों की मौत के साथ 2000 अन्य घायल हो गए.

जिसके बाद इस ख़ूनी संघर्ष पर संयुक्त राष्ट्र ने फलीस्तीन की कड़ी निंदा की है, संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि इज़राइल अपनी सीमा की सुरक्षा करने के लिए स्वतंत्र है, प्रदर्शनकारियों ने इज़राइल में दाखिल होने की कोशिश की, साथ ही उन्होंने इज़राइली सुरक्षाबलों पर भी हमला किया, जिसकी जवाबी कार्यवाही में इज़राइल को भी गोलियां दागनी पड़ी. वहीं फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने कहा कि इन मौतों के लिए इज़राइली प्रशासन जिम्मेदार है और उन्होंने शनिवार को शोक का दिन घोषित कर दिया, इस दौरान हजारों लोगों ने मृतकों के अंतिम संस्कार में भाग लिया.
  

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