अशोक गहलोत सरकार अब जेट विमान नहीं खरीदेगी. लेकिन दूसरी ओर करीब साढ़े तीन लाख करोड़ के कर्जभार में गहलोत सरकार डूबी हुई है. राजस्थान की पहले सरकार ने गुजरात की तरह जेट विमान खरीदने का निर्णय लिया था,लेकिन सरकार की खराब आर्थिक स्थिति के कारण सीएम ने वीआइपी के लिए डेशो कंपनी से करीब 214 करोड़ रुपये में मिड साइज जेट विमान खरीदने से इन्कार कर दिया है.
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इसके अलावा जनवरी में मुख्य सचिव डीबी गुप्ता की अध्यक्षता में उच्च अधिकार प्राप्त समिति ने डेशो कंपनी से विमान खरीदने को हरी झंडी दी थी. मंत्रियों की समिति ने भी विमान खरीदने पर सहमति जताई थी, लेकिन बढ़ते कर्जभार के कारण गड़बड़ाई प्रदेश की आर्थिक स्थिति के कारण अब विमान खरीदने का निर्णय टाल दिया गया है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि, 10 एक्जीक्यूटिव क्लब सीट वाले मल्टी इंजन विमान की लिस्ट प्राइज करीब 29.95 मिलियन डॉलर यानी करीब 214 करोड़ में खरीदने पर सहमति बनी थी. राज्य सरकार की उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने नौ जनवरी को मिड साइज जेट विमान खरीदने के लिए डेशो एविएशन कंपनी की तकनीकी बिड को मंजूर कर लिया था. विमान खरीद के लिए सिविल एविएशन निदेशालय ने पिछले साल 15 अक्टूबर को जो टेंडर जारी किए थे उनमें डेशो, बोम्बार्डिक, टेक्ट्रॉन, गल्फ स्ट्रीम और एंब्रर ने हिस्सा लिया था.
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