जयपुर: कांग्रेस की 'भारत जोड़ो' यात्रा कुछ दिनों में राजस्थान में प्रवेश करने वाली है। इससे पहले ही कयास लगाने लगे हैं की राज्य में यात्रा के रास्ते में सियासी बाधा आ सकती है। दरअसल, बताया जा रहा है कि राज्य के सीएम अशोक गहलोत का समर्थक खेमा चाहता है कि यात्रा के मार्ग में परिवर्तन किया जाए। फिलहाल, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में निकले यात्री महाराष्ट्र पड़ाव पर हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा कोटा, दौसा, अलवर से होकर गुजरेगी। जानकारी के मुताबिक, कुछ कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यात्रा उत्तर प्रदेश पहुंचने से पहले झालावाड़, कोटा, टोंक, दौसा और अलवर क्षेत्रों को कवर करेगी। इनमें से कुछ जिले राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के गढ़ माने जाते हैं। पार्टी हलकों में चर्चा है कि गहलोत गुट चाहता है कि यात्रा दूसरे रास्ते से गुजरे। दरअसल, राजस्थान में कांग्रेस प्रभारी अजय माकन ने राज्य की जिम्मेदारियों से दूरी बना ली है। उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया है। यही नहीं उन्होंने इस निर्णय के पीछे राजस्थान में 25 सितंबर को हुए सियासी घटनाक्रम को कारण बताया है। माना जा रहा है कि कांग्रेस के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के समक्ष संगठन स्तर पर यह पहली चुनौती है।
रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर में राजस्थान के विधायकों की एक मीटिंग बुलाई गई थी। इसके लिए पर्यवेक्षक के रूप में माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे पहुंचे थे। उस दौरान गहलोत समर्थक कहे जा रहे विधायकों ने अलग ही मीटिंग बुला ली थी। बताया जा रहा था कि दिल्ली से जयपुर पहुंचे दोनों नेता विधायकों का रास्ता देखते रहे, मगर बैठक नहीं हो पाई। कांग्रेस ने इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही थी और तीन विधायकों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस भी जारी किए थे। बताया जा रहा है कि लगभग दो महीने का वक़्त गुजरने के बाद भी तीन विधायकों पर कार्रवाई नहीं होने और CM फेस पर कोई फैसला नहीं होना भी माकन के इस्तीफे का कारण हो सकता है।
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