नई दिल्ली: सेना के लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) डीएस हुड्डा ने सर्जिकल स्ट्राइक को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किए जाने के बारे में बयान जारी किया है. उन्होंने कहा कि मिलिट्री ऑपरेशन का राजनीतिकरण करना कतई ठीक नहीं है. सितम्बर 2016 में जब भारतीय जवानों ने एलओसी के पार जाकर आंतकियों के लॉन्चिंग पैड्स को नेस्तनाबूद कर दिया था उस वक्त डीएस हुड्डा नॉर्दर्न आर्मी कमांडर थे. 'रोल ऑफ क्रॉस-बॉर्डर ऑपरेशन्स एंड सर्जिकल स्ट्राइक' पर आधारित सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, एक मिलिट्री ऑपरेशन की वीडियो और फोटो को लीक करके इसे राजनीतिक रूप दे दिया गया. अगर मुझसे पूछा जाए कि क्या इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश करना सही है, तो मेरा जवाब ना में ही होगा.
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उल्लेखनीय है कि दो साल पहले उड़ी के सैन्य शिविर में बड़ा आतंकी हमला हुआ था जिसमें भारत के कई जवान शहीद हो गए थे . इसके जवाब में भारत ने नियंत्रण रेखा पार कर सर्जिकल स्ट्राइक की था और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकियों के कई लॉन्च पैड्स नेस्तनाबूद कर दिए थे. इस सर्जिकल स्ट्राइक का देशभर में खूब प्रचार किया गया था.
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आपको बता दें कि अनेक मंचों पर पीएम मोदी समेत भाजपा के कई नेताओं पर सर्जिकल स्ट्राइक का क्रेडिट लेने के आरोप लगते रहे हैं. अब सर्जिकल स्ट्राइक से जुड़े एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी के बयान ने इस मिलिट्री ऑपरेशन का राजनीतिकरण किए जाने पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
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