देहरादून: भारत के प्रथम चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ मतलब CDS जनरल बिपिन रावत के निधन से पूरा देश शोक में है। वही इस बीच भारत सरकार से केदारनाथ के वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित श्रीनिवास पोस्ती ने CDS स्व.बिपिन रावत को भारत रत्न देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ एवं टिहरी में उनसे मुलाकात हुई थी। रावत भारत के हर नागरिक की सुरक्षा के बारे में बात करते थे। वे गढ़वाल एवं उत्तराखंड के लिए काफी कुछ करना चाहते थे। 19 सितंबर 2019 को बिपिन रावत केदारनाथ आए थे।
वही सेना का हेलीकॉप्टर हादसा होने से भारत के प्रथम चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत तथा उनकी पत्नी सहित 13 व्यक्तियों की मौत हो गई थी। हादसे में बुरी तरह जलने की वजह से शवों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट कराया गया है। अब तक सिर्फ तीन शवों की पहचान हो पाई है, जिनमें जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत तथा ब्रिगेडियर एलएस लिद्दड़ की पहचान हो चुकी है।
बता दे कि बिपिन रावत उत्तराखंड के रहने वाले थे। उनके देहांत पर उनके पैतृक गांव पौड़ी जिले के ग्राम पंचायत विरमोली के सैंण गांव में मातम पसरा हुआ है। CDS बिपिन रावत 19 सितंबर 2019 को वाईफ के साथ केदारनाथ धाम आए थे। उन्होंने बाबा केदार की पूजा-अर्चना कर जलाभिषेक किया था। इस के चलते बिपिन रावत ने केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यों के बारे में भी खबर ली थी। इस के चलते कार्यदायी संस्था वुड स्टोन कंस्ट्रक्शन कंपनी के टीम प्रभारी मनोज सेमवाल ने उन्हें आदिगुरु शंकराचार्य के समाधि स्थल, आस्था पथ के बारे में बताया था। CDS बिपिन रावत का उत्तराखंड से विशेष लगाव था। वह यहां के सीमांत क्षेत्रों से हो रहे पलायन के लिए हमेशा परेशान रहते थे।
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