नई दिल्ली: कई साल पहले जून 2017 में तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने चेतावनी दी थी कि भारत को आंतरिक खतरों सहित ढाई मोर्चों पर युद्ध लड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए। उनकी भविष्यवाणी सच होती दिख रही है क्योंकि भारत सरकार अब बाहरी और आंतरिक दोनों तरह से अभूतपूर्व सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रही है। सरकार को कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) जैसी एजेंसियों को तैनात करना पड़ा है, जो देश के भीतर आतंकवाद के बढ़ते खतरे को उजागर करता है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने सुरक्षा इनपुट के बाद कांवड़ियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी यूपी एटीएस को सौंप दी है। मुजफ्फरनगर रूट पर यह तैनाती की गई है, जो की एक मुस्लिम बहुल इलाका है, यहाँ पहले भी सपा सरकार के दौरान हिन्दुओं पर हमले हो चुके हैं। अब एसएसपी अभिषेक सिंह ने एटीएस कमांडो को हाई अलर्ट पर रहने की जानकारी दी है। शनिवार, 27 जुलाई, 2024 को लखनऊ से एटीएस की टीम मुजफ्फरनगर के शिव चौक पर तैनात रही, जहां उन्हें कांवड़ यात्रा रूट और उसकी सुरक्षा जरूरतों के बारे में बताया गया। जिले में शिव भक्तों की भारी भीड़ होती है, जिससे 240 किलोमीटर का यह रूट बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है। हर दो किलोमीटर पर दो हजार से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे और पुलिस की तैनाती कड़ी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करती है।
इन उपायों के अलावा, अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने वाले खालिस्तानी आतंकवादियों से खतरे बढ़ रहे हैं। खुफिया एजेंसियों ने ऐसे संदेश पकड़े हैं जिनसे पता चलता है कि आईएसआई पंजाब के गैंगस्टर नेटवर्क, कट्टरपंथी समूहों और आतंकवादी संगठनों का उपयोग करके हमलों की योजना बना रही है। इस साल, खतरे का स्तर बढ़ गया है, जिससे अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा उपायों को बढ़ा दिया गया है। रिपोर्ट बताती है कि आईएसआई अराजकता और भय पैदा करने के लिए स्थानीय आपराधिक तत्वों का लाभ उठा रही है। खुफिया जानकारी बताती है कि आईएसआई द्वारा समर्थित बब्बर खालसा इंटरनेशनल पंजाब और दिल्ली में भाजपा नेताओं और प्रमुख हिंदू हस्तियों को निशाना बना रहा है, जिससे क्षेत्र के तीर्थयात्रियों और नेताओं के लिए बहुआयामी खतरा पैदा हो रहा है।
चीन और पाकिस्तान से दोहरे खतरों के साथ-साथ आंतरिक खतरों के बारे में जनरल बिपिन रावत की 2017 में की गई भविष्यवाणी सही साबित हो रही है। देश के भीतर धार्मिक तीर्थयात्राओं के लिए एटीएस जैसी एजेंसियों की तैनाती इन खतरों की गंभीरता को रेखांकित करती है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कई आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ हुआ है, जिसमें विभिन्न जिलों से कट्टरपंथी आतंकवादियों और आईएसआईएस के गुर्गों को गिरफ्तार किया गया है। जासूसी और हमलों की योजना बनाने के लिए आईएसआई समर्थित आतंकवादियों को भी गिरफ्तार किया गया है।
कांवड़ यात्रा पर संभावित आतंकी हमलों और अमरनाथ यात्रा पर खालिस्तानी धमकियों के मद्देनजर यूपी एटीएस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। ये घटनाक्रम किसी भी खतरे से निपटने के लिए भारत की तैयारियों को दर्शाता है, जो जनरल रावत के कई मोर्चों पर युद्ध के लिए तैयार रहने की बात को पूरा करता है।