मेलबर्न : देश में आज आम चुनाव के लिए वोटिंग होगी। सरकार ने 1924 में यहां अनिवार्य मतदान का नियम बनाया था। तब से कभी भी यहां 91% से कम वोटिंग नहीं हुई। साल 1994 में तो 96.22% वोटरों ने मतदान किया था। सरकार मानती है कि वोटिंग अनिवार्य होने से लोग राजनीति और सरकार के कार्यों में रुचि लेते हैं। वे सक्रिय होकर वोटर बनने के लिए रजिस्ट्रेशन कराते हैं।
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बेहद जरुरी है मतदान
जानकारी के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया में हर तीन साल में आम चुनाव होते हैं। सरकार वोटिंग बढ़ाने के लिए वोटरों की सुविधा पर ध्यान देती है। जिन नागरिकों के पास अपने घर नहीं हैं, वे यात्री वोटर के तौर पर खुद का रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। अस्पताल में भर्ती वोटर पोस्टल बैलेट से वोटिंग कर सकते हैं। जो लोग वोटिंग के दिन बूथ पर पहुंचने में असमर्थ हैं, उनके लिए अर्ली वोटिंग सिस्टम की सुविधा है।
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पामर है अरबपति उम्मीदवार
जानकारी के लिए बता दें कि 23 देशों में वोटिंग अनिवार्य है। इस साल कई जाने-माने राजनीतिज्ञ प्रधानमंत्री पद की दावेदारी पेश कर रहे हैं। हालांकि इन सबके बीच एक अलग नाम अरबपति क्लाइव पामर का है। खास बात यह है कि राजनीति में रुचि रखने वाले पामर दूसरी बार चुनावी मैदान में उतरे हैं। इसमें उन्होंने खुद को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की तरह पेश किया है। वह अपने प्रचार का ज्यादातर खर्च अपनी जेब से ही उठा रहे हैं। साथ ही उनके अभियान का तरीका भी काफी हद तक ट्रम्प के जैसा ही है।
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