नई दिल्ली: 2019 लोकसभा चुनाव से पहले पूर्व सेनाध्यक्ष और केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह ने सेना के पराक्रम पर सवाल खड़े करने वालों को करारा जवाब दिया है. उन्होंने कहा है कि सेना के पराक्रम पर जो सियासत हो रही है, वो निम्नतम राजनीति है. जो लोग अपनी सेनाओं पर संदेह करते हैं, उन्हें किसी शब्दकोश में किसी शब्द से नहीं आंका जा सकता.
जनरल वीके सिंह ने कहा है कि एक सैनिक होने के नाते मुझे गुस्सा आता है, जब कोई सेना पर सवाल उठाता है. शीर्ष नेतृत्व ने 1971 के बाद ऐतिहासिक निर्णय लिया कि भारत सीमाओं में नहीं बंधा रहेगा. इसलिए जो लोग अपनी सेनाओं पर संदेह करते हैं, उनको दुनिया के किसी भी शब्दकोश में किसी भी शब्द से नहीं आंका जा सकता. उन्होंने कहा है कि सेनाएं जब अपना कार्य करती हैं तो पूरा करने के बाद ही उसे बताती हैं. फौज के पराक्रम पर जो राजनीति हो रही है, वो सबसे निम्नतम राजनीति है.
वीके सिंह ने कहा है कि आज सभी देश भारत की ओर उसकी प्रगति, आर्थिक नीतियों को देख रहे हैं. भारत की ओर से चीन के साथ सोच-समझकर कदम उठाए गए हैं कि पड़ोसी मुल्क के साथ संबंध अच्छे करने की ओर अधिक जोर देना चाहिए. सीमा विवाद पर बहुत बारीकियां हैं. चीन के पाकिस्तान को समर्थन करने के सवाल पर उन्होंने कहा है कि हमारे इराक, रूस, अमेरिका सभी के साथ अच्छे संबंध हैं, यह हमारी कूटनीति की शक्ति है.
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