नई दिल्ली: टेस्ला के CEO और दुनिया के सबसे दौलतमंद शख्स एलन मस्क ने रेडियो होस्ट जो रोगन के साथ मंगलवार (31 अक्टूबर) को 2 घंटे 40 मिनट लंबे पॉडकास्ट पर विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय रखी। इस दौरान एलन मस्क ने मानव सभ्यता को खतरे में डालने के लिए वामपंथी अरबपति जॉर्ज सोरोस पर हमला भी बोला। मस्क ने कहा कि, “मेरी राय में, (सोरोस) मूल रूप से इंसानियत का दुश्मन है, वह घृणा करता है। वह ऐसे काम कर रहा है, जो मानव सभ्यता को नुकसान पहुँचा रहे हैं।'
Elon Musk explains to Joe Rogan how George Soros manipulates the system to his own ends. “In my opinion, he fundamentally hates humanity.” pic.twitter.com/kT4th3x3Kw
— Catch Up (@CatchUpFeed) October 31, 2023
एलन मस्क ने जिला अटॉर्नी (DA) की नियुक्ति सुनिश्चित करने के लिए अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस की आलोचना की, जो अपराधियों पर केस चलाने से इनकार करते हैं, जिससे प्रमुख अमेरिकी शहरों में अपराधियों की तादाद बढ़ती है। मस्क ने कहा कि, 'ऐसे जिला अटॉर्नी (DA) का चुना जाना, जो अपराधियों पर केस चलाने से इनकार करते हैं… यह सैन फ्रांसिस्को, लॉस एंजेल्स और कई अन्य शहरों में प्रमुख समस्या है। तो आप ऐसा क्यों करेंगे? सोरोस अन्य देशों में भी इसी किस्म की चीजों को आगे बढ़ा रहे हैं।' एलन मस्क ने कहा कि, 'जॉर्ज इस वक़्त बहुत बूढ़े हो चुके हैं, मगर अब भी वह मध्यस्थता करने में माहिर हैं। यह सबको मालूम है कि उसने ब्रिटिश पाउंड को नुकसान पहुँचाया था, मुझे लगता है कि इसी प्रकार से उसने अपना शुरूआती पैसा कमाया।' मस्क ने संकेत दिया कि कैसे वामपंथी अरबपति अपने पैसे के बल पर स्थानीय चुनावों को प्रभावित करने का प्रयास कर करे हैं।
टेस्ला के CEO ने आगे कहा कि, 'सोरोस को पता है कि वास्तव में कानूनों को बदलने की आवश्यकता नहीं है, आपको बस उन्हें लागू करने के तरीके बदलने की आवश्यकता है। अगर कोई भी कानूनों को लागू करने के उचित तरीके को नहीं चुनता है, या कानूनों को अलग-अलग तरीके से लागू किया जाता है, तो यह कानूनों को बदलने के समान ही है।' बता दें कि, यह पहली दफा नहीं है जब मस्क ने घोर वामपंथी अरबपति सोरोस को लताड़ लगाई है। इसी साल मई की शुरुआत में भी एलन मस्क ने कहा था कि जॉर्ज सोरोस मानवता से घृणा करते हैं। उन्होंने कहा था कि, 'आप मानते हैं कि वे अच्छे इरादे हैं ? तो ऐसा नहीं हैं। सोरोस मानव सभ्यता के ताने-बाने को नष्ट करना चाहते हैं। सोरोस को मानवता से घृणा है।'
जॉर्ज सोरोस ने अमेरिकी चुनावों को भी किया था प्रभावित :-
बता दें कि, जॉर्ज सोरोस, लोकतंत्र को नष्ट करने, शासन में बदलाव लाने और मतदाताओं की स्वतंत्र निर्णय लेने की प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर उथल-पुथल के लिए कुख्यात हैं। एलन मस्क द्वारा ट्विटर के अधिग्रहण के बाद जारी किए गए आंतरिक डाक्यूमेंट्स से यह बात स्पष्ट हो गई थी कि हंगेरियन-अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस के ओपन सोसाइटी फाउंडेशन (OSF) द्वारा वित्त पोषित एक समूह (फर्स्ट ड्राफ्ट न्यूज) ने जो बाइडेन की कहानी को दबाने में सहायता की थी। अकेले इसी कदम ने 2020 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम पर काफी प्रभाव डाला था। मई 2022 में भी OSF द्वारा वित्त पोषित 2 लॉ फर्मों ने (फ्री प्रेस और मीडिया मैटर्स फॉर अमेरिका) ने प्रमुख कॉर्पोरेट ब्रांडों को ट्विटर पर विज्ञापनों को फंडिंग करने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए लिखा था।
George Soros is the devil. This man is beyond evil. He started so much violence, not just in the USA but in India. He hates good man like Trump & Modi, whom has done good for society. His only goals in life is to destroy humanity. He hates Hindus & Jews with a passion. pic.twitter.com/Qrz6aR8V7U
— Renee Lynn (@Voice_For_India) November 1, 2023
जॉर्ज सोरोस का भारत विरोधी एजेंडा:-
बता दें कि, भारत 2023 की शुरुआत से ही कई मोर्चों पर ‘वैचारिक युद्ध’ का सामना कर रहा है। इस साल 16 फरवरी को, जॉर्ज सोरोस ने अडानी-हिंडनबर्ग विवाद का लाभ उठाकर भारत में राजनितिक उथलपुथल मचाई थी, इस मुद्दे को लेकर मोदी सरकार पर हुए हमले को भी सोरोस कि टूलकिट से जोड़कर देखा गया था। सोरोस ने दावा किया था कि, ''मोदी और बिजनेस टाइकून अडानी करीबी सहयोगी हैं। उनका भाग्य आपस में जुड़ा हुआ है। अडानी एंटरप्राइजेज ने शेयर बाजार से फंड जुटाने का प्रयास किया, लेकिन वह असफल रही। अडानी पर स्टॉक में हेराफेरी का आरोप है। जिससे उनका स्टॉक ताश के पत्तों की तरह ढह गया।''
गौर करें कि, सोरोस ने जो आरोप लगाए थे, वही आरोप भारत की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी सरकार पर लगाए थे। राहुल गांधी तो आज भी चुनावी रैलियों में दोहराते रहते हैं कि, 'पीएम मोदी, अडानी के लिए काम करते हैं', 'भारत सरकार पूरी अडानी के नियंत्रण में हैं' आदि-आदि। एलन मस्क का इशारा इसी तरफ था कि, सोरोस किस तरह अपने धन का इस्तेमाल चुनावों को प्रभावित करने के लिए करते हैं और प्रोपेगेंडा फैलाते हैं। सोरोस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर क्रोनी कैपिटलिज्म का इल्जाम लगाया था। उन्होंने कहा कि, 'मोदी इस विषय पर मौन हैं, मगर उन्हें विदेशी निवेशकों और संसद में सवालों के जवाब देने होंगे।'
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