ग़ाज़ियाबाद: कोरोना महामारी ने चारों तरफ कहर बरपाया हुआ है. उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के सभी प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच खुद जिले के मुखिया यानी जिलाधिकारी कोरोना की गिरफ्त में आ गए थे. अब लगभग 26 दिन बाद कोरोना को मात देने के बाद जिलाधिकारी अजय शंकर पांडे ने दोबारा जिले की बागडौर संभाल ली है.
बता दें कि अजय शंकर पांडे गत मात 24 अप्रैल को कोरोना वायरस की चपेट में आ गए थे. जिसके बाद उन्हें बुखार हुआ और सांस में लेने की समस्या हो रही थी. डॉक्टरों की सलाह पर उन्हें कौशांबी के यशोदा हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था. हॉस्पिटल में IAS अजय शंकर पांडे को आईसीयू रूम उपलब्ध कराया गया था, किन्तु तबीयत थोड़ा ठीक होने पर जिलाधिकारी ने अपना ICU बेड छोड़ दिया. जिलाधिकारी ने फ़ौरन आईसीयू बेड किसी और जरूरतमंद को देने को कहा, खुद के लिए सिंगल रूम भी मना कर दिया और सेमी प्राइवेट रूम में एक अन्य कोविड संक्रमित मरीज के साथ कमरा साझा किया.
डीएम अजय शंकर पांडे को इसी माह की 6 मई 2021 को यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल से कोविड नेगेटिव होने के साथ ही छुट्टी दे दी गई. ख़ास बात यह रही कि जिलाधिकारी पांडेय इस दौरान भी अपने फोन, वीडियो कॉलिंग एवं ऑनलाइन तरीकों से बैठकें करते रहे. यूं तो जिलाधिकारी की अनुपस्थिति में GDA के वीसी और आईएएस कृष्णा करुणेश चार्ज संभाल रहे थे, किन्तु अस्पताल से भी अजय शंकर पांडे का काम जारी था.
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