लखनऊ: उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के नोनहरा थाना क्षेत्र में प्रदर्शन के दौरान पत्थरबाज़ी में हुई पुलिसकर्मी की मौत के मामले में युद्धस्तर पर कार्यवाही हो रही है. खबरों के अनुसार, पुलिस ने इस मामले में अब तक 11 लोगों को हिरासत में ले लिया है. नोनहरा थाना में कई लोगों के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज की गई है. वहीं इसी बीच इस मामले में वाराणसी के एडीजी का बयान आया है. उन्होंने प्रेस से बात करते हुए कहा है कि, "पुलिस ने अब तक इस मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया है.
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एडीजी ने आगे कहा है कि, "32 लोगों के खिलाफ नामजद मामला दर्ज किया गया है. इसके अलावा 70 से 80 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज कर जांच की जा रही है." खबरों के मुताबिक, गिरफ्तार लोगों में अधिकतर निषाद पार्टी के कार्यकर्ता हैं. वहीं मृतक कांस्टेबल का गाजीपुर के सदर हॉस्पिटल में पोस्टमार्टम किया जा रहा है. सीएमओ के अनुसार, सर में चोट लगने की वजह से कांस्टेबल की मृत्यु हुई थी, अब उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है."
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आपको बता दें कि गाजीपुर में एक तरफ पीएम मोदी की रैली हो रही थी, वहीं दूसरी तरफ सहयोगी पार्टी सुभासपा के साथ-साथ निषाद समाज भी आरक्षण की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन में लगा हुआ था. पीएम मोदी जब कार्यक्रम समाप्त होने पर शहर से चले गए तब पार्टी के कार्यकर्ताओं ने शहर में कई स्थानों पर चक्का जाम कर दिया और रैली से लौट रहे वाहनों पर पत्थर फेंकने लगे. इस जाम को खुलवाने में जिले के करीमुद्दीन पुर थाने में कार्यरत सिपाही सुरेश वत्स (48) भी लगे हुए थे. पथराव में एक पत्थर सुरेश के सिर पर लग गया और वे गंभीर रूप से जख्मी हो गए, इसके बाद उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
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