कहते हैं कि हिंदू धर्म में एक एेसा धर्म है, जिसमें हर धर्म-कर्म के काम में दीए और दीपक का इस्तेमाल किया जाता है. जी हाँ, क्योंकि हमारी मान्यताओं के अनुसार जिस पूजा में दीपक का उपयोग नहीं किया जाता उस पूजा को अधूरा माना जाता है. ऐसे में आज हम आपको बता दें कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार दीपका जलाने का एक ढंग होता है, और अगर उसे ढंग से ना जलाया जाए तो इसके ढेरों नुकसान भी हो सकते हैं. अब आईए जानते हैं कि दीपक प्रज्वलित करने की सही विधि क्या है..?
- आप सभी ने भी कभी न कभी तेल का दीया जलाया होगा या फिर घी का. तो आज हम आपको बता दें कि घर में तेल का दीपक जलाना अच्छा माना जाता है इसी के साथ ही गाय के दूध से बने घी का दीपक जलाना भी बहुत शुभ माना जाता है लेकिन इस समय इन बातों का ध्यान रखे कि दीपक बहुत ही देखभाल से जलाए और अँधेरे में जलाए.
- इसी के साथ यह भी कहते हैं कि कपिला गाय के दूध से बने घी से दीपक जलाना सबसे ज्यादा सात्विक माना जाता है क्योंकि कपिला गाय वो होती है जो गौशाला में रहती है और शुद्ध भोजन करती है. ऐसा भी माना जाता है कि तेल का दीपक अपने स्थान से केवल एक मीटर की दूरी तक ही सकारात्मकता फैलाता है वहीं घी के दीपक की शुद्धता काफ़ी दूर तक जाती है और घी का दीपक जलाने से घर की कलह दूर होती है और सकारात्मकता आती है.
- ऐसा भी अग्निपुराण में कहा गया है कि घी का दीपक अधिक सही होता है क्योंकि घी का दीपक हमारे मणिपुर और अज्ञाक चक्र को शुद्ध करता है लेकिन तेल के दीपक से पूजा करने पर व्यक्ति के शरीर की सूर्य नाड़ी जाग्रत होती है. आप सभी को बता दें कि सरसों के तेल का दीपक प्रतिदिन जलाने का विधान नहीं है लेकिन आप तिल के तेल की दीपक अपने पूजा घर में प्रतिदिन जला सकते हैं. ऐसा भी कहते हैं कि तिल के तेल का दीपक जलाने के लिए बहुत शुद्ध माना होता है.
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