नई दिल्ली: कांग्रेस के नेता रहे गुलाम नबी आजाद कुछ दिनों में अलग राजनीतिक दल का ऐलान करने वाले हैं। जी हाँ और उससे पहले उनके निशाने पर अगर कोई दल नजर आ रहा है तो वह केवल कांग्रेस है। जी दरअसल हाल ही में राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि, 'वो उनकी तरह किसी पर व्यक्तिगत टीकाटिप्पणी नहीं करते हैं। जब वो सदन में सात साल तक नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में थे तो मोदी सरकार की नीतियों का विरोध करने से नहीं चूके।' वहीं अब कांग्रेस का कहना है कि मौसमी बदलाव हो चुका है।
क्या कहा गुलाम नबी आजाद ने- जी दरअसल उन्होंने कहा सात साल तक नेता प्रतिपक्ष रहते हुए नरेंद्र मोदी सरकार की नीतियों पर निशाना साधा। मेरे खिलाफ भ्रष्टाचार का एक भी केस नहीं है और मेरे खिलाफ एक भी एफआईआर नहीं है और ना ही मैं किसी से भयभीत हूँ।''
अब इस मामले में जयराम रमेश का कहना है कि, 'जलवायु परिवर्तन हुआ है और अब वह भाजपा के एक भरोसेमंद सिपाही बन गए हैं।' आपको बता दें कि गुलाम नबी आजाद ने एक बार फिर से राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि, 'जी-23 बनने के बाद राहुल गांधी ने उन्हें बीजेपी से जोड़ना शुरू कर दिया था। जब हमने पूर्णकालिक अध्यक्ष की मांग करते हुए पत्र लिखा, तो वे भड़क गए और झूठ फैलाया कि यह पीएम मोदी के इशारे पर लिखा गया था। झूठ कांग्रेस कार्य समिति और उनके नेताओं की तरफ से शुरू हुआ। मैंने कहा कि पीएम मोदी पागल नहीं हैं कि वह हमसे कांग्रेस को मजबूत करने के लिए कहेंगे।'' इसके अलावा गुलाम नबी आजाद ने कहा कि ''उन्हें कोई हुक्म नहीं दे सकता। उनके खिलाफ कोई मामला नहीं है और एक भी एफआईआर नहीं है। उनके पास धन नहीं है। वो किसी से क्यों डरे?''
इसी के साथ गुलाम नबी आजाद ने भाजपा से कथित संबंधों पर कहा कि, 'वो संसद में 7 साल तक पीएम मोदी के पास बैठे रहे और उनकी नीतियों की तीखी आलोचना की। फर्क बस इतना है कि वो व्यक्तिगत हमले नहीं करते। वो नीतियों पर हमला करते हैं, व्यक्तियों पर नहीं क्योंकि अल्लाह व्यक्तियों को बनाता है।'
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