नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाब नबी आजाद ने भी कांग्रेस का साथ छोड़ दिया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता बहुत दिनों से अपनी जिम्मेदारियों के प्रति संतुष्ट नहीं थे। उन्होंने पार्टी को कई बार बताया था कि जो जिम्मेदारियों उन्हें दी गई है वह उनके पार्टी में कद के हिसाब से नहीं है। गुलाम का इस्तीफा पार्टी के लिए जम्मू-कश्मीर सहित राष्ट्रीय लेवल पर बड़ा नुकसान माना जा रहा है।
उन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व पर कई प्रश्न उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि पार्टी का नया अध्यक्ष भी कठपुतली ही होगा। पार्टी पर सभी बड़े नेताओं को किनारे करने का भी इल्जाम नबी ने लगाया है। पार्टी से इस्तीफे में गुलाम नबी ने पार्टी की दुर्दशा के लिए राहुल गांधी को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने यह भी बोला है कि पार्टी के सभी निर्णय राहुल गांधी ही ले रहे हैं तथा पार्टी में नए अध्यक्ष के चुनाव का खेल हो रहा है।
वही इससे पहले 16 अगस्त को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद को केंद्र शासित प्रदेश में पार्टी की प्रचार समिति का प्रमुख नियुक्त किया, किन्तु आजाद ने प्रस्ताव को ठुकरा दिया। जम्मू एवं कश्मीर में संगठन में सुधार के रूप में गांधी ने आज़ाद के नजदीकी माने जाने वाले विकार रसूल वानी को अपनी जम्मू-कश्मीर इकाई का नया अध्यक्ष नियुक्त किया। आजाद कांग्रेस के ‘जी 23’ समूह के प्रमुख सदस्य हैं। यह समूह पार्टी नेतृत्व का आलोचक रहा है तथा एक संगठनात्मक परिवर्तन की मांग करते आया है। आजाद को राज्यसभा से सेवानिवृत्त होने के पश्चात् दोबारा उच्च सदन में नहीं भेजा गया था। कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता रमन भल्ला को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है। पूर्व पीडीपी नेता तारिक हामिद कर्रा को अभियान समिति के उपाध्यक्ष के तौर पर नामित किया गया है।
ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में हेमंत सोरेन की सदस्यता रद्द, जल्द आ सकता है राज्यपाल का फैसला
CM नीतीश के नाम पर हो रही थी बड़ी जालसाजी, अब हुआ ये पर्दाफाश
आज यहाँ होगा सोनाली फोगाट का अंतिम संस्कार, 'परिवार लिखित में दे तो CBI जांच' बोले CM