श्रीनगर: 50 वर्षों तक गांधी परिवार के वफादार रहे गुलाम नबी आज़ाद कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद खुलकर देश की सबसे पुरानी राजनितिक पार्टी की कमियां गिना रहे हैं। हालांकि, आज़ाद ने कांग्रेस में रहते हुए भी पार्टी को इस तरफ ध्यान दिलाने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें नहीं सुना गया और उनके अनुभव को नज़रअंदाज़ कर दिया गया। अब इस्तीफे के बाद गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, संगठन के लिए ठीक ही नहीं है, वे केवल धरना प्रदर्शन के लिए बेहतर हैं।
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के नाम लिखे पत्र में भी आजाद ने राहुल गांधी की काबिलियत पर जमकर सवाल उठाए थे। मीडिया से बात करते हुए आजाद ने कहा कि राहुल सिर्फ फोटो ऑप और धरना पॉलिटिक्स के लिए अच्छे हैं, मगर संगठन के लिए नहीं। उन्होंने कहा कि, 'मुझे किसे जिम्मेदार मानना चाहिए? मुझे राहुल को जिम्मेदार कहना पड़ेगा, क्योंकि उन्होंने कोई कोशिश ही नहीं की। मेरा उद्देश्य पत्र में सबकुछ लिख देना और आगे बढ़ जाना था। मगर, पार्टी ने झूठे इल्जाम लगाकर मुझे उकसाने का प्रयास किया।'
उन्होंने कहा कि, 'राहुल गांधी में ध्यान की कमी है। वह फोटो ऑप्स, धरना और रैलियों के लिए ही ठीक हैं।' आजाद का कहना है कि कांग्रेस के हर शख्स को पता है कि पार्टी एक अहम फैसलै, राहुल या उनके सिक्युरिटी गार्ड्स और PA द्वारा लिए जाते हैं। बता दें कि, आज़ाद ने अपने बयान में यह भी कहा था कि, 2014 से पहले सोनिया गाँधी उनकी सलाह मानती थी और बिना पूछे कोई फैसले नहीं लेती थी, लेकिन राहुल के आने के बाद कांग्रेस में बड़े नेताओं को नज़रअंदाज़ किया जाने लगा और सोनिया यह चाहने लगीं कि, सभी कांग्रेस नेता राहुल गांधी के इशारे पर काम करें। सियासी पंडित, आज़ाद के बयानों का निहितार्थ यह निकाल रहे हैं कि, कांग्रेस की ख़राब स्थिति में सबसे बड़ा कारण सोनिया गाँधी का पुत्र मोह है।
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