नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) रेड को लेकर किए गए राहुल गांधी के दावे पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने हमला बोला है. गिरिराज सिंह ने कहा,'राहुल गांधी वायनाड से रात में अफवाह फैलाते हैं. झूठ का नैरेटिव एवं झूठ की खेती करते हैं. राहुल गांधी हतोत्साहित हैं. इसलिए यह झूठी अफवाह फैलाई है. इससे बड़ा झूठा विपक्ष का नेता आज तक नहीं बना है. राहुल गांधी अपनी जाति बताने के डर से ऐसे बयान दे रहे हैं.
राहुल गांधी के दावे के पश्चात् अब इस मुद्दे पर राजनीति आरम्भ हो गई है. शिवसेना (यूबीटी) के दो नेताओं ने राहुल के समर्थन में बयान देते हुए सरकार पर हमला बोला है. सांसद संजय राउत ने कहा है कि जो भी सरकार के खिलाफ बोलता है तो सरकार उसके खिलाफ षड्यंत्र रचता है. हमें कुछ भी हो सकते है. राहुल गांधी पर हमले भी हो सकते हैं. विदेश में षड्यंत्र रचा जा रहा है. सरकार राहुल गांधी से डर गई है. विपक्ष के नेताओं पर गुंडों की सहायता से हमले किए जा सकते हैं.
शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेद ने भी सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा,'राहुल गांधी को छापेमारी के बारे में जानकारी होगी. जब-जब सरकार डरती है, एजेंसी को आगे करती है. ये सरकार डरी हुई सरकार है. एजेंसी के तहत डराने का प्रयास करते हैं. किन्तु हम लोग डरने वाले नहीं हैं. राहुल गांधी के ट्वीट के पश्चात् कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने एजेंसियों के दुरुपयोग पर लोकसभा में चर्चा के लिए संसद में नोटिस भी दिया है. दरअसल, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष एवं कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने शुक्रवार को बड़ा दावा करते हुए कहा है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) संसद में उनके 'चक्रव्यूह' भाषण के पश्चात् उन पर छापेमारी करने की योजना बना रहा है. कांग्रेस सांसद ने दावा किया कि प्रवर्तन निदेशालय के 'अंदरूनी लोगों' ने उन्हें इस बारे में जानकारी दी है.
X पर एक पोस्ट करते हुए राहुल गांधी ने कहा, 'जाहिर है, 2 इन 1 को मेरा चक्रव्यूह भाषण पसंद नहीं आया. प्रवर्तन निदेशालय के 'अंदरूनी लोगों' ने मुझे बताया कि छापेमारी की योजना बनाई जा रही है. बांह फैलाकर प्रवर्तन निदेशालय का इंतजार कर रहा हूं, चाय और बिस्कुट मेरी तरफ से.' बता दें कि 29 जुलाई को लोकसभा में केंद्रीय बजट 2024 पर बोलते हुए राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला किया था. उन्होंने कहा था कि देश के किसान, मजदूर एवं युवा डरे हुए हैं. उन्होंने कमल के प्रतीक को प्रमुखता से प्रदर्शित करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना की एवं दावा किया कि 21वीं सदी में एक नया 'चक्रव्यूह' बनाया गया है.
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