नई दिल्ली: अयोध्या मामले को सुलझाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने मध्यस्थता का फैसला सुनाया है. अदालत के द्वारा कहा गया है कि इस मसले का हल दोनों ही पक्ष मध्यस्थता के माध्यम से समाधान खोजें. इसके लिए अदालत ने 3 सदस्यों के पैनल का गठन किया है. वहीं, अदालत ने मध्यस्थता के लिए 8 हफ्तों का वक़्त दिया है. साथ ही 4 सप्ताह में पहली रिपोर्ट अदालत में पेश करने को कहा है.
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शीर्ष अदालत के इस एतिहासिक फैसले की काफी लोगों ने सराहना की है. वहीं, कई लोगों का कहना है कि मध्यस्थता की बात तो पहले भी हो चुकी है. अब अदालत ने भी मध्यस्थता का ही निर्णय लिया है. इस मामले में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने हमेशा की तरह राम मंदिर विवाद के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार बताया है. उन्होंने कहा है कि राम मंदिर पर विवाद की जड़ कांग्रेस ही है. सिंह ने कहा है कि अगर 1947 में नेहरू सोमनाथ की तर्ज़ पर कानून लाकर अयोध्या, काशी, मथुरा में मंदिर निर्माण कर देते तो आज ये विवाद नहीं होता.
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गिरिराज सिंह ने कहा है कि कांग्रेस अपनी साजिश में सफल हो रही है. राम मंदिर को चुनाव तक टलवाने का कार्य किया जा रहा था. कांग्रेस नेता और अधिवक्ता कपिल सिब्बल भी यही चाहते थे और उन्होंने चक्रव्यूह रचकर चुनाव तक राम मंदिर को टालने का कार्य किया है. उन्होंने कहा है कि, मैं राहुल गांधी से पूछना चाहता हूं कि वे आखिर राम मंदिर के मामले पर चुप क्यों हैं.
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