वाराणसी : वाराणसी काशी विद्यापीठ के समाज कार्य विभाग के अध्यक्ष द्वारा छात्रा के साथ छेड़छाड़ करने करने का मामला सामने आया है. यह मामला अब पुलिस तक पहुंच चूका है. इस घटना के सामने आने के बाद फिलहाल विश्वविद्यालय प्रशासन ने जांच पूरी होने तक विभागाध्यक्ष को कार्य से निलंबित कर दिया. जानकारी के मुताबिक वाराणसी के सिगरा थाना स्थित महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में उस समय हड़कंप मच गया जब इसी विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग की छात्रा ने अपने ही विभागाध्यक्ष पर छेड़छाड़ व शारीरिक शोषण का आरोप लगाकर गुहार लगाने पहले कुलपति के यहां पहुंची फिर सिगरा थाने में शिकायत दर्ज करवाई.
पुलिस पीड़िता की शिकायत दर्ज कर मामले की तफ्तीश में जुट गई है. वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच विश्वविद्यालय महिला समिति को सौंप दी है. साथ ही तत्काल प्रभाव से जांच पूरी होने तक विभागाध्यक्ष को कार्य क्षेत्र से हटा दिया है. आपको जानकारी देते चले की इस मामले में पीड़ित लड़की ने सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक के जरिए अपनी आपबीती सुनाई थी इसके बाद से ही इस मामले ने तूल पकड़ा.
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छात्रा का आरोप है कि उसके विभागाध्यक्ष ने लघु शोध पत्र को जांचने के बहाने अपनी ही छात्रा का शोषण करना चाहा. पहले तो छात्रा ने सहन किया लेकिन जब बात हद से बढ़ गई तब उसने विरोध किया. पहले पीड़िता ने अपनी आपबीती 28 अगस्त पर फेसबुक पर साझा की थी और 31 अगस्त को वाराणसी के सिगरा थाने में गुहार लगाई. पीड़िता के साथ विद्यापीठ की महिला छात्र नेता और छात्रों ने विभागाध्यक्ष के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया.
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पीड़िता ने सोशल मीडिया पर लिखा कि 'हमारे डिपार्टमेंट के एचओडी ने मेरे साथ छेड़छाड़ की है. उन्होंने मेरे प्राइवेट पार्ट को छूना चाहा तब मैंने थप्पड़ मारा और निकल आई. जब मैं आई तब उन्होंने कहा अनु सोच लेना अगर मुझे खुश कर सकती हो तो दोबारा आना.'
वहीं आरोपी विभागाध्यक्ष डॉक्टर आरसी पाठक अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को निराधार बता रहे हैं. उन्होंने कहा कि 'गलत सूचना दी है, मेरे ऊपर लगाए गए सभी आरोप निराधार है.'
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