भारत में महिलाओं की स्थिति आज भी दयनीय बनी हुई है। आए दिन ऐसी घटनाएं सामने आती रहती हैं, जो नारियों का सम्मान करने की बात कहने वाले देश के माथे पर कलंक साबित होती हैं। बिहार के मुजफ्फरपुर, पटना, उत्तरप्रदेश के देवरिया के बाद अब बिहार के आरा में महिला को निर्वस्त्र घुमाने का मामला सामने आया है। महिला पर एक व्यक्ति की हत्या करने का केवल शक था और इसे लेकर दबंगों ने उसे निर्वस्त्र कर खुली सड़क पर घुमाया।
यह एक नहीं बल्कि रोज ऐसे कई मामले हमारे सामने आते हैं, जब महिलाओं को इस तरह के अपमान सहने पड़ते हैं। जब कांड हो जाता है, तो पुलिस अपनी मुस्तैदी दिखाते हुए आरोपियों को गिरफ्तार करती है, कोर्ट उनको सजा भी देता है, लेकिन सवाल यह है कि महिलाओं की स्थिति फिर भी नहीं सुधरती। आए दिन कोई बच्ची, युवती या अधेड़ उम्र की महिला हवस का शिकार होती है। हमारे देश में महिला सुरक्षा को लेकर कई बड़े—बड़े वायदे होते हैं। बेटी बचाओ—बेटी पढ़ाओ, लाड़ली लक्ष्मी योजना, सुकन्या समृद्धि योजना लेकिन जब असलियत पर जाओ तो स्थिति वही ढाक के तीन पात जैसी होती है।
बिहार में भीड़ ने एक महिला को निर्वस्त्र कर घुमाया, पुलिस भी कुछ नहीं कर पाई
अगर आंकड़ों की बात करें, तो भारत में हर एक मिनट में तीन महिलाएं अपराध की शिकार होती हैं। वहीं हर एक घंटे में 39 महिलाओं के साथ हिंसा होती है। अब ऐसे में सवाल यह है कि आखिर यह अपराध कब रुकेंगे? रुकेंगे भी या अपराधों का यह सिलसिला बदस्तूर जारी रहेगा? क्या कोई ऐसा कानून बन सकता है, जो इन अपराधों को रोक सके? आखिर वह कौन सा दिन होगा, जब नारियों की पूजा करने का दावा करने वाले इस देश में हर महिला खुले में बिना किसी संकोच के सांस ले सकेगी।
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