यदि मनुष्य कुछ चीजों का जीवन से त्याग कर दे तो वह हमेशा खुशहाल रहता है। कम वक़्त में अमीर बन जाता है। चाणक्य के मुताबिक, इंसान के अंदर कभी धन का घमंड नहीं होना चाहिए। ऐसा आदमी अधिक वक़्त तक अमीर नहीं रह पाता है। जिस मनुष्य के अंदर धन का घमंड होता है, उससे मां लक्ष्मी भी नाराज रहती हैं। इसलिए घमंड है तो त्याग देना ही बेहतर है।
वहीं, आचार्य चाणक्य का मानना है कि यदि मनुष्य को सफलता का शिखर छूना है तो वाणी में मधुरता होनी चाहिए। चाणक्य के मुताबिक, जिस मनुष्य की वाणी में मधुरता नहीं होती है, वह हमेशा किसी न किसी कारण से सफलता से दूर रह जाता है। इसी कारण यदि आप तरक्की करना चाहते हैं तथा आगे बढ़ना चाहते हैं तो कठोर वाणी को त्याग देना आपके लिए अच्छा है।
चाणक्य के मुताबिक, किसी भी मनुष्य को कभी गलत मार्ग पर जाकर धन नहीं जमा करना चाहिए। मनुष्य को हमेशा ईमानदारी और मेहनत के साथ ही धन कमाना चाहिए। ऐसे आदमी से मां लक्ष्मी हमेशा प्रसन्न रहती हैं। वहीं जो लोग गलत प्रकार से धन कमाते हैं, वह जीवन में कभी तरक्की नहीं कर पाते हैं। ऐसा धन भी अधिक वक़्त तक नहीं टिक पाता है।