दार्जिलिंग/सिलीगुड़ी : दार्जिलिंग में चल रहे गोरखा आंदोलन में ऐसा लगता है कि अब ममता सरकार व्यक्तिगत प्रतिशोध पर उतर आई है , क्योंकि पुलिस ने गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के अध्यक्ष बिमल गुरुंग और उनकी पत्नी आशा के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है . गत शनिवार को सिंगमाड़ी में हुई हिंसा में तीन युवकों की मौत केसिलसिले में यह मामला दर्ज हुआ है. वहीं दूसरी ओर जीजेएम ने भी इस घटना की सीबीआई या न्यायिक जांच की मांग की है.
इस मामले में जीजेएम के सहायक सचिव विनय तमांग ने बताया कि सरकार पहाड़ी के लोगों में भय का माहौल बनाने के लिए ऐसे आरोप लगा रही है. जबकि राज्य सरकार ने दावा किया है कि पुलिस ने गत शनिवार गोलीबारी नहीं की थी. लेकिन तमांग का दावा है कि गोलियों से छलनी शव साक्ष्य के तौर पर जीजेएम के पास सुरक्षित रखा है .
आपको बता दें कि दार्जलिंग में हिंसक आंदोलन के बाद हालात में कोई अंतर नहीं आया है. गोरखा जनमुक्ति मोर्चा का विरोध प्रदर्शन जारी है. इस कारण करीब 150 करोड़ रुपए से अधिक का वित्तीय और पर्यटन स्तर पर घाटा हो चुका है. रेलवे ने दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे की टॉय ट्रेन सेवा भी स्थगित कर दी गई है.जबकि मार्च से लेकर जून तक गर्मी के दिनों में यहां पर्यटन के हिसाब से स्वर्णिम समय माना जाता है. ज्यादा से ज्यादा पर्यटक इन्हीं दिनों यहां आते हैं.पर्यटन यहां का सबसे बड़ा व्यवसाय है.
उल्लेखनीय है कि दार्जिलिंग आए पर्यटक यहां से निकलने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सरकारी और सार्वजनिक परिवहन ठप होने के कारण उन्हें बहुत परेशानी हो रही है. इस बीच विमल गुरुंग की पार्टी ने शुक्रवार को दार्जिलिंग में बोर्डिंग स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ने वाले फंसे बाहर के छात्रों की रवानगी के लिए स्कूल बसों को 12 घंटे की छूट दें दी है.
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