दुनिया भर के शेयर बाजारों में सोमवार को भारी गिरावट देखी जा रही है। तेल की वैश्विक कीमतों में जबरदस्त गिरावट इसकी मुख्य वजह है। इसके साथ ही तेल की वैश्विक कीमतों में गिरावट वैश्विक आर्थिक सुस्ती का एक बड़ा संकेत है। वहीं क्रूड ऑयल की फ्यूचर कीमतों में लगभग 25 फीसद की गिरावट देखी जा रही है। वहीं कोरोना वायरस के चीन के बाहर तेजी से फैलने से यह संकट गहराता जा रहा है। वहीं सोमवार सुबह ट्रेडिंग के दौरान एशिया-पैसिफिक क्षेत्र के शेयर बाजारों में गिरावट देखी गई है। इसके बाद यूरोप और वॉल स्ट्रीट के भी इसका अनुसरण करने की आशंका है।
इसके साथ ही तेल उत्पादक और निर्यातक देशों के संगठन ‘ओपेक प्लस’ की पिछले दिनों उत्पादन कटौती पर चल रही वार्ता विफल हो गई है। जिसके बाद सऊदी अरब ने तेल के दाम घटाकर 30 सालों से भी ज्यादा के निचले स्तर पर ला दिए हैं। वहीं सऊदी अरब के इस फैसले को ऑयल वॉर की तरह देखा जा रहा है।इसके साथ ही शेयर बाजारों में गिरावट का यह भी एक बड़ा कारण है।सोमवार सुबह आर्थिक आंकड़े जारी होने के बाद जापान में Nikkei 225 सूचकांक में 5.5 फीसद की गिरावट देखी गई थी। इन आर्थिक आंकड़ों के मुताबिक , जापान की अर्थव्यवस्था अक्टूबर-दिसंबर 2019 के दौरान वार्षिक आधार पर 7.1 प्रतिशत घट गई, जो शुरुआती अनुमान से भी खराब है।
वहीं हांककांग का हेंगसेंग (Hang Seng) सूचकांक सोमवार को 3.5 फीसद की गिरावट के साथ कारोबार करता दिखाई दिया गया था । वहीं, चीन में संघाई कंपोजिट सूचकांक (Shanghai Composite Index) 2.4 फीसद की गिरावट के साथ कारोबार करता दिखाई दिया गया है । वहीं साउथ कोरिया के कोस्पी (Kospi) में भी सोमवार को 3.9 फीसद की गिरावट दिखी है।इसके लावा एक मिडिया रिपोर्टर के अनुसार, एशिया पैसिफिक क्षेत्र में सबसे बड़ी गिरावट ऑस्ट्रेलिया में दिखी, जहां S&P/ASX 200 सूचकांक 6.6 फीसद गिर गया। वहीं फ्यूचर मार्केट का अनुमान है कि वॉल स्ट्रीट भी लगभग 5 फीसद की गिरावट के साथ खुल सकता है।
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