इस साल वैश्विक बेरोजगारी (Global unemployment) का आंकड़ा लगभग 2.5 मीलियन बढ़ने का अनुमान है. यही नहीं दुनियाभर में लगभग आधा अरब लोगों को पर्याप्त रूप से वैतनिक काम नहीं मिल रहा है. संयुक्त राष्ट्र के अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (UN's International Labour Organization) की सोमवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, ये आधा अरब लोग जितने घंटे काम करना चाहते हैं उन्हें उतना काम नहीं मिल रहा है.
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शीर्षक वाली इस रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विम बेरोजगारी बीते नौ वर्षों से स्थिर थी लेकिन जैसे जैसे वैश्विक आर्थिक वृद्धि सुस्त हो रही है और कामगारों की संख्या में इजाफा हो रहा है, उस अनुपात में बाजार में नई नौकरियां नहीं पैदा हो रही हैं. यही नहीं इन कामगारों की लेबर मार्केट तक पहुंच भी नहीं हो पा रही है.
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इस मामले को लेकर WESO की रिपोर्ट के अनुसार, बढ़ती बेरोजगारी और गहरी होती असमानता की खाई के कारण लोगों को नौकरी या काम के जरिए बेहतर जीवनयापन करना मुश्किल हो गया है. लोगों को उनके माफिक काम नहीं मिल रहा है. रिपोर्ट में दुनियाभर में 18.8 करोड़ लोगों को बेरोजगार माना गया है जबकि 16.5 करोड़ लोगों के पास पर्याप्त वैतनिक काम नहीं है. बेरोजगारी का आलम यह है कि दुनिया में 12 करोड़ लोगों ने काम ढूंढ़ना छोड़ ही दिया है.
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