दार्जिलिंग : दार्जिलिंग में राजनीतिक संकट चल रहा है जिसमें अब एक नया मोड़ आया है। आंदोलन में जीजेएम से हाथ मिलाने के बाद गोरखा नेशनल लिबरेशन फ्रंट (जीएनएलएफ) ने टीएमसी से गठबंधन तोड़ लिया। गठबंधन से उत्साहित गोरखा जनमुक्ति मोर्चा प्रमुख बिमल गुरूंग ने बताया कि वे अलग गोरखालैंड के लिए आंदोलन तेज करेंगे. गौरतलब है कि जीएनएलएफ ने गोरखालैंड के लिए हिंसक आंदोलन चलाया था तथा बाद में दार्जिलिंग गोरखा हिल काउंसिल का गठन किया गया था.
गुरूंग ने जीएनएलएफ से अगल होकर 2007 में जीजेएम की स्थापना की और वह पहाड़ों में बड़ी ताकत बन गए थे. जीएनएलएफ प्रवक्ता नीरज जिम्बा के अनुसार सुभाष घिसिंग के नेतृत्व में जीएनएलएफ की स्थापना के बाद से ही गोरखालैंड के लिए लड़ाई जारी है. तृणमूल कांग्रेस के साथ हमारा गठबंधन कभी भी राजनीतिक स्तर पर नहीं, बल्कि चुनावी गठबंधन था. उन्होंने कहा कि हमारा अंतिम लक्ष्य अलग गोरखालैंड राज्य हासिल करना है.
टीएमसी गोरखालैंड की वास्तविक मांग से ध्यान भटकाने कोशिश कर रही है. बंद के आह्वान किया गया है जिसके बावजूद दार्जिलिंग, कसर्यिांग, कलिम्पोंग और मिरिक में कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है, हालांकि राज्य सरकार के कार्यालय बंद रहे, जबकि बैंक और एटीएम बंद रहे लेकिन दुकानें और बाजार खुले रहे। आंदोलन के चलते अधिकतर पर्यटक पहाड़ों से जा चुके हैं और लगभग सभी होटल खाली हैं। पर्यटकों से होटलों ने कहा कि वे अपने जोखिम पर रुकें।
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