पणजी: गोवा में कांग्रेस को बड़ा राजनीतिक झटका लगा है। आठ विधायकों ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है। अटकलें तो लंबे वक़्त से लग रही थीं, अब भाजपा में सम्मिलित होकर स्थिति भी स्पष्ट कर दी गई है। कांग्रेस छोड़ने वालों में गोवा के पूर्व सीएम दिगंबर कामत का नाम भी सम्मिलित है। भाजपा में आते ही उन्होंने एक ऐसा बयान दिया है कि जिसे कांग्रेस के जख्मों पर नमक छिड़कना कहा जा सकता है। जब मीडिया ने दिगंबर कामत से प्रश्न किया कि आपको तो कांग्रेस ने मंदिर में कसम दिलवाई थी कि पार्टी नहीं छोड़ी जाएगी तो फिर आप अब भाजपा में कैसे सम्मिलित हो गए? इस सवाल पर दिगंबर कामत ने कहा कि मैं असल में एक बार फिर मंदिर गया था। मैंने भगवान से पूछा कि क्या करूं। तब ईश्वर ने जवाब दिया कि तुम्हारे लिए जो सबसे बेहतर है, वो करो। अब दिगंबर कामत का ये तर्क है जो उन्होंने कांग्रेस छोड़ने पर दिया है। उन्होंने इसे भगवान का एक फैसला बता दिया है।
वैसे यहां ये जानना आवश्यक है कि इस वर्ष गोवा विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने अतिरिक्त सावधानी बरतते हुए अपने सभी विधायकों को शपथ दिलवाई थी। मंदिर एवं चर्च दोनों जगह ये शपथ दिलवाई गई थी। बताया गया था कि यदि वे MLA बन जाते हैं तो किसी भी कीमत पर पार्टी को धोखा नहीं देंगे। ये सब भी कांग्रेस को इसलिए करना पड़ा था क्योंकि 2019 में 15 में से 10 विधायकों ने एक झटके में भाजपा का दामन थाम लिया था।
किन्तु एक बार फिर गोवा में कांग्रेस के साथ बड़ा खेल हुआ है जहां पर ना केवल उसके MLA छोड़कर चले गए हैं बल्कि जमीन पर संगठन भी कमजोर हुआ है। वैसे इस बार जिन 8 विधायकों ने कांग्रेस छोड़ी है, उस सूची में पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत, माइकल लोबो, देलीला लोबो, राजेश फलदेसाई, केदार नाइक, संकल्प अमोनकर, अलेक्सो सिकेरा एवं रूडोल्फ फर्नांडीस सम्मिलित हैं। इससे पहले भाजपा के गोवा प्रदेश अध्यक्ष सदानंद तनावड़े ने भी दावा किया था कि आज कांग्रेस के 8 विधायक भाजपा में शामिल होंगे।
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