आप सभी जानते ही हैं कि देवी दुर्गा, भगवान शिव की पत्नी पार्वती जी का ही स्वरूप है और इन दिनों उन्ही का पूजन किया जा रहा है. ऐसे में नवरात्रि में भक्त हर प्रकार की पूजा और विधान से मां दुर्गा को प्रसन्न करने के जतन करते हैं, लेकिन अगर आप व्यस्तताओं के चलते विधिवत आराधना ना कर सकें तो मात्र 108 नाम के जाप करें. कहा जाता है इससे माता प्रसन्न होकर सुख, समृद्धि और सफलता का आशीर्वाद देती है और अपने भक्तों के लिए माता कुछ बह कर देती हैं. ऐसे में नवरात्रि के दिनों में एक दिन भी आप मां दुर्गा की अष्टोत्तरशतनामावली पढ़ लें तो आपको बड़ा लाभ हो सकता है. जी हाँ, आज हम आपको मां दुर्गा की अष्टोत्तरशतनामावली बताने जा रहे हैं जिन्हे पढ़कर आप धन्य हो सकते हैं.
आइए पढ़ें मां दुर्गा की अष्टोत्तरशतनामावली:-
सती,
साध्वी,
भवप्रीता,
भवानी,
भवमोचनी,
आर्या,
दुर्गा,
जया,
आद्या,
त्रिनेत्रा,
शूलधारिणी,
पिनाकधारिणी,
चित्रा,
चंद्रघंटा,
महातपा,
मन,
बुद्धि,
अहंकारा,
चित्तरूपा,
चिता,
चिति,
सर्वमंत्रमयी,
सत्ता,
सत्यानंदस्वरुपिणी,
अनंता,
भाविनी,
भव्या,
अभव्या,
सदागति,
शाम्भवी,
देवमाता,
चिंता,
रत्नप्रिया,
सर्वविद्या,
दक्षकन्या,
दक्षयज्ञविनाशिनी,
अपर्णा,
अनेकवर्णा,
पाटला,
पाटलावती,
पट्टाम्बरपरिधाना,
कलमंजरीरंजिनी,
अमेयविक्रमा,
क्रूरा,
सुंदरी,
सुरसुंदरी,
वनदुर्गा,
मातंगी,
मतंगमुनिपूजिता,
ब्राह्मी,
माहेश्वरी,
ऐंद्री,
कौमारी,
वैष्णवी,
चामुंडा,
वाराही,
लक्ष्मी,
पुरुषाकृति,
विमला,
उत्कर्षिनी,
ज्ञाना,
क्रिया,
नित्या,
बुद्धिदा,
बहुला,
बहुलप्रिया,
सर्ववाहनवाहना,
निशुंभशुंभहननी,
महिषासुरमर्दिनी,
मधुकैटभहंत्री,
चंडमुंडविनाशिनी,
सर्वसुरविनाशा,
सर्वदानवघातिनी,
सर्वशास्त्रमयी,
सत्या,
सर्वास्त्रधारिणी,
अनेकशस्त्रहस्ता,
अनेकास्त्रधारिणी,
कुमारी,
एककन्या,
कैशोरी,
युवती,
यति,
अप्रौढ़ा,
प्रौढ़ा,
वृद्धमाता,
बलप्रदा,
महोदरी,
मुक्तकेशी,
घोररूपा,
महाबला,
अग्निज्वाला,
रौद्रमुखी,
कालरात्रि,
तपस्विनी,
नारायणी,
भद्रकाली,
विष्णुमाया,
जलोदरी,
शिवदुती,
कराली,
अनंता,
परमेश्वरी,
कात्यायनी,
सावित्री,
प्रत्यक्षा,
ब्रह्मावादिनी.
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