इस्लामाबाद: पाकिस्तान का धर्मगुरु और तालिबान का गॉडफादर मौलाना समी-उल-हक (82) की शुक्रवार को अज्ञात हमलावरों द्वारा मारा गया. कुछ हमलावरों ने रावलपिंडी स्थित उसके घर में ही उसे गोली मार दी. समी-उल-हक के बेटे मौलाना हमीदुल हक ने बताया कि घटना के वक्त उसके पिता घर में अकेले थे, जबकि उनका ड्राइवर हक्कानी बाहर गया हुआ था, जब हक्कानी घर लौटा तो मौलाना समी की हत्या हो चुकी थी.
कारोबार के मामले में भारत ने लगाई बड़ी छलांग, वर्ल्ड बैंक के अध्यक्ष ने दी बधाई
हमीदुल हक ने बताया कि उनके पिता को चाक़ू भी मरे गए है. गौरतलब है कि मौलाना समी पाकिस्तान और अफगानिस्तान में काफी सम्मानित व्यक्ति था. अफगानिस्तान और पाकिस्तान दोनों देशों में सक्रिय आतंकी संगठन तालिबान उसके विचारों से प्रभावित था. अफगानिस्तान की सीमा से सटी उसकी दारुल उलूम हक्कानी यूनिवर्सिटी से ही 1990 में तालिबान की शुरुआत हुई थी.
आतंकियों के अच्छे दिन ख़त्म, हाफिज सईद और सलाउद्दीन के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी
इस यूनिवर्सिटी से अब भी इस्लामिक आतंकियों की गतिविधियां जारी रहती हैं. मौलाना समी राजनीति में भी हाथ आज़मा चुका है, वह 1985 से 1991 और 1991 से 1997 तक पाकिस्तानी संसद के सदस्य भी रहा, हक ने 25 जुलाई के आम चुनाव के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) से गठबंधन भी किया था, जिसके बाद इमरान ने चुनाव जीतकर पीएम पद प्राप्त किया था.
खबरें और भी:-
सिरिसेना ने श्रीलंका में संसद का निलंबन हटाया
विश्वभर में फेसबुक और गूगल बने बड़ी ताकत, सबसे ज्यादा हो रहा उपयोग