मुंबई: कई दशकों की कानूनी लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में श्री राम मंदिर का पक्ष में फैसला सुनाया था, इसके बाद से ही यह मंदिर आतंकियों के निशाने पर है। इस्लामिक स्टेट (ISIS), अल कायदा जैसे संगठन तो मंदिर पर हमला करने और वहां वापस मस्जिद बनाने की धमकी तक दे चुके हैं। भारत में भी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी लगातार कहते रहते हैं कि, अयोध्या में बाबरी मस्जिद थी और क़यामत तक रहेगी। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) भी बिलकुल ओवैसी जैसा ही बयान दे चुका है। यानी, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी एक समुदाय में राम मंदिर को लेकर निरंतर नफरत भरी जा रही है। हालाँकि, अब श्री राम मंदिर का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है और उद्घाटन की तैयारियां तेज हो रहीं हैं। इस बीच शिवसेना (UBT) के नेता उद्धव ठाकरे ने बड़े खतरे की आशंका जताई है।
रविवार (10 सितंबर) को उद्धव ने राम मंदिर के उद्घाटन समारोह पर चिंता जताई। उन्होंने इस विशाल आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश के अयोध्या में देशभर से जुटने वाली भारी भीड़ की ''वापसी यात्रा'' के दौरान 'गोधरा ट्रेन अग्निकांड' जैसे हमले की आशंका जताई है। बता दें कि, राम मंदिर का उद्घाटन लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले जनवरी 2024 में होने की संभावना जताई जा रही है। इसको लेकर उद्धव ने कहा है कि, यह संभव है कि सरकार राम मंदिर उद्घाटन में शामिल होने के लिए बसों और ट्रकों में बड़ी संख्या में लोगों को आमंत्रित कर सकती है। उन्होंने आगे कहा कि उनकी वापसी के दौरान गोधरा ट्रेन अग्निकांड जैसी घटना हो सकती है।
बता दें कि, 27 फरवरी, 2002 को गुजरात के गोधरा स्टेशन पर मुस्लिम भीड़ ने अयोध्या से वापस लौट रहे श्रद्धालुओं से भरी साबरमती एक्सप्रेस में आग लगा दी थी। पेट्रोल में भिगो-भिगोकर गद्दे-तकिए ट्रेन की खिड़की से अंदर फेंके गए थे और फिर उनमे आग लगा दी गई थी। कोई बाहर निकलकर न भाग सके, इसलिए दंगाई भीड़ ने ट्रेन के दरवाजे भी बाहर से लॉक कर दिए थे। इस वीभत्स हत्याकांड में 59 श्रद्धालु जिन्दा जल गए थे, जिसमे महिलाएं-बच्चे भी शामिल थे। इस घटना के बाद में पूरे राज्य में बड़े पैमाने पर दंगे भड़क उठे थे। अब उद्धव ठाकरे ने श्री राम मंदिर के उद्घाटन के दौरान भी इसी तरह के हमले की आशंका जताई है। हालाँकि, यह पहली बार नहीं है, जब उद्धव ने या उनकी पार्टी के सांसद संजय राउत ने इस तरह की आशंका जताई हो। दोनों नेता कम से कम 3 से 4 बार 'यही' बात दोहरा चुके हैं।
हालाँकि, गौर करने वाली बात ये भी है कि, हमले की बात तो आतंकी भी कर रहे हैं, कम से कम उद्धव तो शांति बनाए रखने की अपील कर सकते थे। या फिर इस आयोजन के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम करने का ही सुझाव दे देते, ताकि अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं को कोई समस्या न हो। क्योंकि, ये कार्य सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हो रहा है, कोई अवैध काम तो है नहीं, जो लोगों को डरने की जरूरत हो। क्या शिवसेना नेताओं के इस तरह के बयान लोगों के मन में दहशत पैदा करने का काम नहीं कर रहे ?
बहरहाल, यदि ऑनलाइन चर्चा पर विश्वास किया जाए, तो प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी अगले साल 21 जनवरी से 24 जनवरी के बीच अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर का उद्घाटन कर सकते हैं। कथित तौर पर उद्घाटन की तैयारी (पूजा) 14 जनवरी को शुरू होगी, और पीएम मोदी की पुष्टि के बाद उद्घाटन की अंतिम तारीख की पुष्टि की जाएगी। गौरतलब है कि मंदिर अधिकारियों ने अभी तक आधिकारिक तौर पर तारीख की घोषणा नहीं की है।
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