सावन समाप्त होने के साथ ही भाद्रपद माह की शुरुआत हो जाती है तथा भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को गोगा नवमी मनाई जाती है. गोगा नवमी वाल्मीकि समाज का एक लोकप्रिय त्योहार है, इस दिन वाल्मीकि समाज के आराध्य गोगा देव यानी की जाहरवीर का जन्मोत्सव होता है. इस दिन विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है तथा नागों की पूजा भी होती है. इस दिन लोग व्रत रखकर गोगा देव से अपनी संतान की लंबी आयु की कामना करते हैं, उसकी सुख समृद्धि एवं संतान सुख प्राप्ति के लिए भी यह व्रत किया जाता है.
इस वर्ष कब मनाई जाएगी गोगा नवमी 2023:-
यदि आप गोगा नवमी की पूजा करना चाहते हैं या व्रत रखना चाहते हैं तो इस वर्ष गोगा नवमी 8 सितंबर 2023 को आएगी. गोगा नवमी का शुभ मुहूर्त प्रातः 7:36 से प्रातः 10:45 तक रहेगा, तत्पश्चात, दोपहर का मुहूर्त 12:19 से 1:53 तक रहेगा, तो वहीं शाम की पूजा के लिए 5:01 से 6:35 तक शुभ मुहूर्त है.
गोगा नवमी का महत्व:-
भारत में विशेष रूप से राजस्थान में गोगा नवमी धूमधाम से मनाई जाती है. इसके अतिरिक्त मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ में भी इसका खासा प्रभाव देखा जाता है. कहा जाता है कि गोगा देव को सांपों का देव भी कहा जाता है तथा इनकी पूजा करने से निसंतान दंपत्ति को संतान सुख की प्राप्ति होती है. इतना ही नहीं ये भी माना जाता है कि गोगादेव के पास जहरीले से जहरीले सांपों को वश में करने की शक्ति होती है तथा उनकी पूजा करने से सर्प दोष और सांपों के डसने का डर भी दूर हो सकता है.
गोगा नवमी पूजा विधि और भोग:-
गोगा नवमी की पूजा करने के लिए प्रातः सबसे पहले उठकर स्नान करें, मिट्टी से गोगादेव की प्रतिमा बनाएं या फिर उनकी तस्वीर की पूजा करें. उन्हें चावल, रोली, वस्त्र आदि चढ़ाएं. गोगा देव के भोग की बात की जाए तो उन्हें खीर, चूरमा के लड्डू या गुलगुला का भोग लगाया जाता है. इतना ही नहीं गोगा नवमी के दिन घोड़े को चने की दाल खिलाने की परंपरा भी है. गुलगुला बनाने के लिए आटे के साथ गड़ को मिलाकर गूंद लें तथा तेल में छोटा-छोटा गुलगुला तल लें.
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