नई दिल्ली : भारत तीज-त्योहार ही नहीं ठाट-बाट के शादी समारोहों के लिए भी जाना जाता है। वर्ष 2019 में हिंदू पंचांग के अनुसार, शादी के 21 लग्न थे, जोकि पिछले साल के मुकाबले तीन गुना अधिक हैं। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की माने तो शादी का सीजन दुनिया में पीली धातु की मांग में वृद्धि का एक महत्वपूर्ण कारक रहा है।
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इतना हुआ बिक्री में इजाफा
जानकारी के अनुसार पीली धातु के प्रति आकर्षण भारत में सदियों से रहा है और मांग की प्रवृत्ति को देखने पर लगता है कि यह आकर्षण बढ़ता ही जा रहा है। इसलिए यह हैरानी की बात नहीं है कि महानगरों के अधिकांश आभूषण विक्रेता बताते हैं कि इस बार अक्षय तृतीया के शुभ-अवसर पर सात मई को सोने की खरीदारी जोरदार रही और बिक्री में 25 फीसदी का इजाफा हुआ।
अक्षय तृतीया पर देश में हुई इतने टन सोने की ख़रीददारी
इतना रहता है योगदान
जानकारी के लिए बता दें देश में निवेश बाजार करीब दशकों पहले उभरा और निवेश के दर्जनों साधन बाजार में आए, लेकिन सोना लोगों की पसंद बना रहा। अधिकांश भारतीयों के लिए सोना सामाजिक सुरक्षा का एक अंग माना जाता है। शादी के अवसर पर सोने का उपहार देने की परंपरा है और इस सीजन में कीमती धातुओं की मांग का योगदान करीब 50 फीसदी है।
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