लॉकडाउन तथा अनलॉक के समय में इकोनॉमिक्स बेशक चित हो गई हो, परन्तु गोल्ड की चमक बरकरार रही। सभी व्यवसायी गतिविधियां बंद होने के पश्चात् भी गोल्ड के दाम में शानदार तेजी रही। लॉकडाउन के पूर्व दो माह में तो दामों में बेहतरीन उछाल आया। अब तो सभी रिकॉर्ड टूट गए हैं। गोल्ड व्यवसायियों का अंदाजा है कि दिसंबर से दाम आसमान छू जाएंगे। क्योंकि, उस वक़्त शादियों एवं अन्य कार्यक्रमों का सीजन आरम्भ हो जाएगा।
वही महंगाई होने की वजह है कि COVID-19 संकट में गोल्ड की मांग तेजी से बढ़ी है। रुपये से भरोसा घटने के पश्चात् लोगों ने इसमें इन्वेस्टमेंट किया। जनवरी एवं फरवरी में दाम 41 हजार प्रति 10 ग्राम थी, जो अप्रैल-मई में 50 हजार तक पहुंच गई। वही गोल्ड की खरीदारी सबसे ज्यादा लॉकडाउन से पूर्व मतलब जनवरी से मार्च में हुई। कारोबार में भी बहुत उछाल आया तथा खरीदारी भी खूब हुई। इस दौरान 10 से 12 प्रतिशत ज्यादा खरीदारी की गई। इस दौरान दाम 38 से 41 हजार के लगभग रहा। भारत में 200 से 250 टन सोना विक्रय हुआ, तो वहीं दिल्ली में 25 टन के लगभग बिक्री हुई।
COVID-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जैसे ही लॉकडाउन का ऐलान हुआ तो सोने के दाम में अचानक उछाल आया। लोगों को लगा कि बंदी के समय में जितना संचित कर लो उतना ही बेहतर है। इस दौरान देखें तो आभूषण का कारोबार केवल 2-5 प्रतिशत ही हुआ, किन्तु दाम 41 हजार से बढ़कर डायरेक्ट 50 हजार तोला तक पहुंच गया। सोचने वाली बात तो ये है कि डिमांड नहीं बढ़ी, किन्तु गोल्ड का भाव आसमान पर पहुंच गया। इस दौरान 1-2 टन के लगभग सोने की खरीदारी हुई। इसके साथ ही सोने पर कोरोना का कोई प्रभाव नहीं पड़ा।
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