अपने खूबसूरत समुद्र तटों के लिए पहचाने जाने वाले गोवा में चल रहे भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) के तीसरे दिन शुक्रवार को भारतीय फिल्म उद्योग के साथ एक सुनहरा अध्याय जुड़ गया। पहली बार मांडवी नदी में तैरते क्रूज पर मूवीज के ट्रेलर लॉन्च और मास्टर क्लास की शुरुआत देखने के लिए मिली। तेरव फीचर फिल्म का ट्रेलर लॉन्च कर दिया गया और इसके लिए राही नाम के क्रूज को चुन लिया गया। अब तक इस तरह के आयोजन केवल विदेश में ही देखने के लिए मिलते रहे।
भारतीय फिल्म निर्माता संघ (इंपा) के सहयोग से अगले दो दिन में इस पर मूवी हार्ड विषय, छबीला व टेंपलेट का ट्रेलर लॉन्च किया जाने वाला है। इस नई शुरुआत से भारतीय उद्योग को एक नया आयाम मिलने का अनुमान भी लगाया जा रहा है। गोवा के तट पर इफ्फी की तरफ से एक शानदार झांकी भी निकाली जा चुकी है। आइनेक्स (मीडिया सेंटर) से मीरामार समुद्र तट गई इस झांकी में भारतीय सिनेमा की यात्रा व गोवा की संस्कृति की झलक सबके सामने आई है।
पिता के सपने को पूरा करने में जुटे हैं: नागार्जुन ने इस बारें में बोला है कि पिता के सपने को पूरा करने के लिए 20 लोगों का परिवार एकजुटता के साथ कार्य कर रहे है। इतना ही नहीं उनके लगाए सिनेमा स्टूडियो, और प्रशिक्षण संस्थान के पौधे को पूरे परिवार के साथ सींच रहे हैं। इसलिए भले ही कोई कहीं हो लेकिन ANR के लिए पूरा परिवार एक साथ एकत्रित हो जाता है। पिता कहते थे की तेलगु सिनेमा सर्वोच्चता भी प्राप्त कर लेते है, इसलिए वह प्रयास कर रहे हैं कि तेलुगु सिनेमा भाषाई दीवार तोड़कर लोकप्रिय बनाने के लिए कार्य को पूरा करें। वैसे वह मानते हैं कि मौजूदा समय में सिनेमा में भाषा की बाधा पूरी तरह से खत्म हो जाएगी। अब केवल भारतीय सिनेमा ही शाश्वत है। इस मौके पर एएनआर के जीवन पर आधारित एक लघु वृत्तचित्र भी पेश कर दिया जाएगा।
विधु विनोद ने बांधा समां: मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार फिल्म निर्माता-निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा ने मास्टर क्लास में गीत संगीत और संघर्ष की कहानी को अनोखे अंदाज में पेश कर संमा बांध डाला। मनोरंजन, शिक्षा और उत्थान पर विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने ये भी बोला है कि उनके जीवन का लक्ष्य केवल यह तीन सिद्धांत हैं। जिनका वह पालन आज तक कर रहे है।
एएनआर की शताब्दी पर विशेष सत्र: इससे पूर्व, 55वें फिल्म महोत्सव के तीसरे दिन की शुरुआत तेलुगु मूवी कि दिग्गज अक्किनेनी नागेश्वर राव के शताब्दी वर्ष के मौके पर आयोजित विशेष संवाद से हुई। ANR के नाम से मशहूर नागेश्वर राव के सिनेमा और तकनीक के संयोजन, तेलगु को अव्वल दर्जे का सिनेमा बनाने के पैशन से लेकर परिवार को एकजुट रखने तक के विजन पर उनके बेटे नागार्जुन ने रौशनी डाली।
जिसके साथ ही नागार्जुन ने बोला है कि उनकी पिता का एक ही लक्ष्य था। इतना ही नहीं सिनेमा में तकनीकों का ऐसा समावेश हो कि दोनों एक दूसरे के पूरक बन चुके है। शायद यहीं वजह है उन्हें फिल्मों का प्रशिक्षण देने के अलावा तकनीक यानी इंजीनियरिंग की पढ़ाई कराई गई। इसलिए जब RRR जैसी मूवीज को डॉल्बी के लिए जर्मनी जाना पड़ा तो देश को पहला डॉल्बी हैदराबाद में अक्किनेनी परिवार के समर्थन से मिला, जो दुनिया के 13 डॉल्बी में से एक है।
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