नई दिल्लीः कर्ज के बोझ से दबी सरकारी क्षेत्र की विमानन कंपनी एयर इंडिया को सरकार लगातार निजी हाथों में सौंपने की कवायद मे लगी है। मगर सरकार को अब तक विफलता हासिल हुई है। कंपनी भारी संकट से गुजर रही है। सरकार ने इसके लिए गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में एक मंत्री समूह का गठन किया गया। इस समूह ने इस मुद्दे पर बैठक पर बैठक की। जिसमे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य और रेल मंत्री पीयूष गोयल और नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी शामिल हुए।
बैठक के बाद पूरी ने कहा, 'मैं अभी कोई घोषणा करने की स्थिति में नहीं हूं। कृपया प्रक्रिया को आगे बढ़ने दीजिए। हालांकि, यह बैठक रचनात्मक रही जिसमें सभी संबंधित मुद्दों पर विचार विमर्श हुआ। इसकी प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। एयर इंडिया पर करीब 58,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज बकाया है। सूत्रों के मुताबिक, जीओएम में एयर इंडिया की बिक्री के तौर तरीकों पर विचार हुआ।
वित्त वर्ष 2018-19 में एयर इंडिया को 7,600 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। वित्त वर्ष 2018-19 के अंत तक एयर इंडिया पर 58,000 करोड़ रुपये का कर्ज का बोझ था। नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में 2018 में निवेशकों से एयर इंडिया में सरकार की 76 फीसद हिस्सेदारी के अधिग्रहण और प्रबंधन नियंत्रण के लिए बोलियां मांगी गई थीं। लेकिन निवेशकों द्वारा इसमें रुचि नहीं दिखाने की वजह से एयर इंडिया की बिक्री प्रक्रिया विफल रही थी। बता दें कि तेल कंपनियों ने भूगतान नहीं करने पर विमान कंपनी को तेल सप्लाई रोक दी थी।
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