'कानून की पढ़ाई करने के लिए अच्छी अंग्रेजी जरूरी..', CJI चंद्रचूड़ ने क्यों कहा ऐसा ?

'कानून की पढ़ाई करने के लिए अच्छी अंग्रेजी जरूरी..', CJI चंद्रचूड़ ने क्यों कहा ऐसा ?
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नई दिल्ली: भारत के प्रधान न्यायाधीश (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ ने शनिवार (21 जनवरी) को बड़ा बयान देते हुए कहा कि कानूनी शिक्षा तक पहुंचने और कानूनी पेशे में प्रवेश करने में कई बाधाएं हैं। उन्होंने कहा कि कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT) को क्रैक करना इस प्रकार की बाधा का एक उदाहरण था। CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि CLAT सिर्फ वे छात्र ही क्रैक कर सकते हैं, जिनकी पहुंच अच्छे अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों तक है।

CJI ने कहा कि, 'सिर्फ वही लोग CLAT क्रैक कर सकते हैं, जिनकी अंग्रेजी स्कूलों और अच्छे स्कूलों तक पहुंच है। कानूनी पेशे तक पहुंच है? हम बाधाएं डाल रहे हैं।' CJI मुंबई में एक समारोह को सम्बोधित कर रहे थे, जहां उन्हें बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा द्वारा सम्मानित किया गया था। इस दौरान CJI ने अदालती कार्यवाही की लाइव-स्ट्रीमिंग की वकालत की। उन्होंने कहा कि इससे कानून के उन छात्रों को सहायता मिलेगी, जिनके पास अच्छे प्रोफेसर नहीं हैं। CJI चंद्रचूड़ ने कहा है कि, 'जिस वजह से मुझे बताया गया है कि हमें लाइव स्ट्रीमिंग क्यों नहीं करनी चाहिए, क्योंकि वकील नाटकीयता में शामिल होंगे। मैं ऐसा निंदक नहीं हूं। निश्चित रूप से नाटकीयता होगी। मगर, एक वजह यह भी है कि कानून के ज्ञान तक पहुंच होगी, जिन स्कूलों में अच्छे प्रोफेसर नहीं हैं। वे किसी भी मामले को देख सकते हैं और कक्षा में चर्चा हो सकती है।

CJI चंद्रचूड़ ने आगे कहा कि मुझसे हमेशा पूछा जाता है कि हम इतना फीस क्यों भरें ? उन्होंने कहा कि, 'किसी को इंटर्न या वकील के मूल्य को पहचानना चाहिए। हमें युवा लोगों को ऐसे शख्स के तौर पर देखना चाहिए, जो अंतर्दृष्टि के लिए मूल्यवान योगदान देगा। जब तक हम जूनियर्स को भुगतान करना आरंभ नहीं करते हैं, तब तक हमारे पास लोकतांत्रिक बार (democratised bar) नहीं हो सकता है।' CJI ने जोर देते हुए कहा कि युवा वकील अदालती कार्यवाही के दौरान मेज पर क्या ला सकते हैं, जिसमें जजों को बार में युवा वकीलों की विचार प्रक्रिया को समझने में सक्षम बनाना शामिल है।

CJI ने आगे कहा कि, 'मैं हमेशा जूनियर वकीलों को अपनी कोर्ट में मामलों का जिक्र करने के लिए प्रोत्साहित करता हूं। चाय पर मुझसे पूछा गया कि मैं ऐसा क्यों करता हूं। मेरे पास 60 केस थे और यह बढ़कर 110 हो गए। मुझसे पूछा गया कि ऐसी चीजों के लिए वक़्त क्यों बर्बाद किया जाए, जब कोई दूसरे काम में लग सकता है। मगर, मेरा मानना ​​है कि जूनियर वकीलों से देश की नब्ज का पता चलता है।

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