यदि बैंक ऑफ बड़ौदा के कस्टमर हैं तो आपके लिए गुडन्यूज़ है। दरअसल, इस गवर्मेंट बैंक ने 1 नवंबर से लागू हुए नए नियम को वापस ले लिया है। बैंक के इस निर्णय का लाभ करोड़ों कस्टमर को प्राप्त होगा। वित्त मंत्रालय ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि बैंक ऑफ बड़ौदा ने एक बैंक अकाउंट में हर माह में नि:शुल्क नकद जमा लेनदेन से जुड़े परिवर्तनों को वापस लेने का निर्णय किया है।
आपको बता दें कि बैंक ऑफ बड़ौदा ने 1 नवंबर, 2020 से हर माह मुफ्त नकद जमा तथा निकासी की संख्या में कुछ परिवर्तन किया था। बैंक ने हर माह में पांच-पांच नि:शुल्क जमा तथा निकासी लेनदेन को कम करके तीन-तीन कर दिया था। हालांकि, बैंक ने मुफ्त लेनदेन की संख्या से ज्यादा लेनदेन के लिए शुल्कों में कोई परिवर्तन नहीं किया था। रिजर्व बैंक के गाइडलाइन के मुताबिक, सार्वजनिक क्षेत्र के किसी भी बैंक को अपनी सर्विस के लिए उचित, पारदर्शी तथा निष्पक्ष ढंग से शुल्क लगाने की मंजूरी होती है। बैंक ये शुल्क लागत के आधार पर लगा सकते है।
वित्त मंत्रालय ने बताया कि बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ सार्वजनिक क्षेत्र के अन्य बैंकों ने भी सूचित किया है कि कोरोना महामारी के मद्देनजर उनका निकट भविष्य में शुल्कों में बढ़ोतरी की कोई मंशा नहीं है। मूल बचत बैंक जमा (बीएसबीडी) खातों के बारे में मंत्रालय ने कहा कि इस प्रकार के 60।04 करोड़ खातों पर किसी प्रकार का सेवा शुल्क लागू नहीं है। इनमें 41।13 करोड़ जन धन खाते भी सम्मिलित हैं। बीएसबीडी खाते का अर्थ ये है कि इसमें कस्टमर को न्यूनतम अथवा औसत मासिक शेष राशि रखने की जरुरत नहीं होती है। इन खातों के लिए बैंकों ने उम्र तथा आय के हिसाब से अलग-अलग योग्यता निर्धारित की हुई है।
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