नई दिल्ली. देश में पिछले कुछ समय से कई बैंकों के कर्ज और घाटे में डूबे होने के मामले सामने आये थे और इससे निपटने के लिए देश के कुछ बैंकों ने आपस में विलय करने का निर्णय भी लिया है. लेकिन अब कर्जों में डूबने से खस्ताहाल हुए सरकारी बैंकों के लिए केंद्र सरकार की ओर से एक खुशखबरी दी गई है.
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दरअसल केंद्र सरकार ने हाल ही में निर्णय लिया है कि वो विभिन्न कर्जों में डूबे इन सरकारी बैंकों में 42 हजार करोड़ रुपये की पूंजी डालेगी जिससे इन बैंको की वित्तीय सेहत में सुधार हो सके. केंद्र सरकार द्वारा यह राशि चालू वित्त वर्ष के अंत तक यानी अगले साल मार्च तक डाली जायेगी. देश के वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कल (सोमवार) रात में इस मामले को लेकर देश की एक मीडिया एजेंसी को दिए अपने इंटरव्यू में यह बातें कही. वित्त मंत्रालय के इस अधिकारी के मुताबिक सरकार दिसंबर के मध्य तक ही सरकारी बैंकों में पुर्नपूंजीकरण की योजना के तहत दूसरे चरण की राशी डाल देगी.
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देश के वित्त मंत्रालय की ओर से हाल ही में जारी किये गए इस बयान के मुताबिक देश की केंद्र सरकार अगले साल के मार्च तक कर्जों के बोझ तले दबे इन बैंकों की मदद करने के लिए 42 हजार करोड़ रुपये की बड़ी राशी डालेगी. सरकार द्वारा इतनी बड़ी वित्तीय मदद करने के बाद इन बैंकों को उम्मीद जगी है कि वो जल्द ही कर्ज से उबार जायेंगे और मुनाफा कामना भी शुरू कर देंगे.
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