पूंजी-निवेश मोर्चे पर खरबों की खुश-खबरियाँ

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नई दिल्ली: सरकार पूंजी-निवेश जिस तरह की अच्छी खबरों का इंतजार कर रही थी, लगता है की वे अब मिलना शुरू हो गई है । ऐसी तीन खबरें देखिये-

तीन टेलीकॉम कंपनियाँ लगाएँगी सौर ऊर्जा में रु. 1.28 लाख करोड़ :-

देश में विदेशी निवेश के क्षेत्र में और वह भी स्वच्छ ऊर्जा के प्रोजेक्ट्स में बड़ी खुशखबर मिली है । विश्व की तीन बड़ी टेलीकॉम कंपनियों ने भारत में सौर ऊर्जा के प्रोजेक्ट्स में 1.28 लाख करोड़ रुपए (20 अरब डॉलर) का बड़ा निवेश करने की घोषणा की है । ये तीन कंपनियां हैं जापान की सॉफ्टबैंक, भारत की भारती एंटरप्राइजेज और ताइवान की दूरसंचार उपकरण बनाने वाली फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी । ये तीनों एक संयुक्त उपक्रम बनाकर 20 गीगावाट के प्रोजेक्ट लगाएंगी । संयुक्त उपक्रम का नाम होगा एसबीजी क्लीनटेक लिमिटेड ।

नई संयुक्त कंपनी में सॉफ्टबैंक का अधिक हिस्सेदारी होने से बहुमत होगा । भारती और फॉक्सकॉन की हिस्सेदारी अल्पमत में होगी । सॉफ्टबैंक के सीईओ मासायोशी सोन ने बताया कि संयुक्त कंपनी प्रोजेक्ट के लिए उपकरण भी बनाएगी । भारती एंटरप्राइजेज के चेयरमैन सुनील मित्तल ने बताया कि साझा उपक्रम के एक्जीक्यूटिव चेयरमैन मनोज कोहली और सीईओ रमन नंदा होंगे। कोहली पूर्व में एयरटेल के इंडिया और अफ्रीका बिजनेस के प्रमुख थे और हाल ही में उन्होंने इस्तीफा दिया है; जबकि रमन नंदा सॉफ्टबैंक के सलाहकार हैं ।

इससे पहले सॉफ्टबैंक ने भारत में दस वर्षों में 64,000 करोड़ रुपए (10 अरब डॉलर) का निवेश करने की घोषणा की थी। मासायोशी सोन ने इस संदर्भ में कहा कि कंपनी पिछले नौ महीनों में 6,400 करोड़ रुपए का निवेश कर चुकी है । यह भी बताया कि भारत में सूर्य की रोशनी जापान की तुलना में दोगुनी होती है; अतः यहां सोलर-पार्क बनाने का खर्च जापान से आधा होता है । इसलिए यहां सौर ऊर्जा में पैसा लगाने में ‘बिजनेस सेंस (व्यापारिक बुद्धिमत्ता)’ है । सोन ने जोड़ा कि जमीन अधिग्रहण के बाद प्रोजेक्ट शुरू होने में दो साल लगेंगे ।

..........और 3,200 करोड़ का निवेश करेगी कार्लाइल :-

कार्लाइल ग्रुप, जो अमेरिकी प्राइवेट इक्विटी (पीई) संस्थान है, उसने भी ‘मैग्ना इनर्जी लि.’ के नाम से एक नई कंपनी बनाकर उसमें 50 करोड़ डॉलर (3,200 करोड़ रुपए) निवेश करने की घोषणा की है। भारत के तेल एवं गैस क्षेत्र में किसी प्राइवेट इक्विटी कंपनी द्वारा किया जाने वाला यह सबसे बड़ा निवेश होगा । मैग्ना इनर्जी तेल एवं गैस उत्पादन के क्षेत्र में उतरना चाहती है और इसके लिए लाइसेंस लेने की प्रक्रिया जल्दी शुरू करेगी । सरकार इस साल तेल एवं गैस फील्ड की नीलामी भी करने वाली है। मैग्ना इनर्जी की स्थापना माइक वाट्स ने की है, जिन्होने राजस्थान के थार मरुस्थल में तेल खोजा था । उन्होंने 2014 में ब्रिटिश कंपनी केयर्न इनर्जी के डिप्टी सीईओ का पद छोड़ा था। अंतरराष्ट्रीय पेट्रो कंपनी रॉयल डच शेल थार में तेल खोजने में नाकाम रही थी; तब वाट्स ने ही केयर्न को शेल से राजस्थान ब्लॉक खरीदने की सलाह दी थी। केजी बेसिन में सबसे पहले प्राकृतिक गैस की खोज भी वाट्स ने ही की थी और राजस्थान के मंगला ऑयलफील्ड को ढूंढ़ने का श्रेय भी उन्हें ही है। गुजरात के कैंबे बेसिन में गैस उत्पादन करने वाली कंपनी ऑयलेक्स में मैग्ना की 17 फीसदी हिस्सेदारी है।

ट्रैवल पोर्टल ‘इक्सिगो’ में माइक्रोमैक्स का निवेश :-

माइक्रोमैक्स इन्फॉर्मेटिक्स (स्मार्टफोन कंपनी) ने मोबाइल ट्रैवल सर्च कंपनी ‘इक्सिगो’ में रणनीतिक निवेश करने की घोषणा की है । निवेश कितना बड़ा है, यह उसने नहीं बताया है । पहले माइक्रोमेक्स ने 20 स्टार्टअप कंपनियों में दो करोड़ डॉलर (128 करोड़ रुपए) निवेश की योजना का ऐलान किया था । इक्सिगो में निवेश उसी का हिस्सा माना जा रहा है । माइक्रोमैक्स के सह-संस्थापक राहुल शर्मा ने बताया कि आने वाले महीनों में इस तरह की और साझीदारियों की घोषणा की जाएगी । इक्सिगो को  इस डील से एक साल में तीन करोड़ नए ग्राहक मिलने की उम्मीद है । इक्सिगो पर्यटकों को उनकी यात्रा प्लान करने, सबसे सस्ती फ्लाइट टिकट, कैब और होटल बुकिंग में मदद करती है।

 

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