चंडीगढ़: मिड-डे-मील के चलते कार्य करने वाली महिला कर्मियों के लिए गुड न्यूज़ है। राज्य सरकार ने मैटरनिटी बेनीफिट एक्ट के तहत मिड-डे-मील के कर्मचारियों को मातृत्व अवकाश देने का निर्णय किया है। हालांकि गवर्मेंट ने शर्त रखी है कि प्रदेश अथवा केंद्र से जारी होने वाली सभी आवश्यक गाइडलाइन का पालन करना जरुरी होगा। साथ ही राज्य में एजुकेशन मिनिस्टर विजय इंदर सिंगला ने बताया कि मिड-डे-मील पूर्ण रूप से सरकारी फंड आधारित स्कीम है। इस स्कीम के चलते सभी महिला कर्मी मातृत्व अवकाश का मुनाफा लेने की हकदार होंगी। चाहे गवर्मेंट ने अनुमति दे दी है, पर मुनाफा पाने वाले कर्मचारियों को इस सिलसिले में केंद्र या प्रदेश सरकार द्वारा वक़्त-वक़्त पर जारी की जाने वाली गाइडलाइन का पालन करना अवश्य होगा।
साथ ही उन्होंने बताया कि छात्रों को आधुनिक एजुकेशन तकनीकों द्वारा पढ़ाने तथा बुनियादी ढांचे के नवीनीकरण के अतिरिक्त 6 हजार सरकारी विद्यालयों को स्मार्ट स्कूलों में परिवर्तित कर दिया गया है। वही कोरोना महामारी के फैलाव के दौरान सरकारी विद्यालयों के शिक्षक इंटरनेट की सहायता के साथ छात्रों की बाकायदा ऑनलाइन क्लास ले रहे हैं। स्कूल एजुकेशन डिपार्टमेंट दूरदर्शन सहित अन्य टीवी चैनलों की मदद से कक्षाओं का प्रसारण भी कर रहा है। इसी के साथ सभी व्यवस्था की जाएगी।
वही दूसरी तरफ राज्य में COVID-19 वायरस से मौतों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। सोमवार को सूबे में कोरोना से 70 लोगों की जान चली गई। इसके साथ ही सूबे में वायरस से अब तक मरने वालों की संख्या 2424 हो गई है। इसके अलावा 2496 नए मामले भी सामने आए हैं। राज्य में अब तक 82113 लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इसी के साथ राज्य में कोरोना के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है।
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