1- चाँद ने चाँदनी को याद किया, प्यार ने प्यार को याद किया, लेकिन हमारे पास ना चाँद है ना प्यार, इसलिए हमने चाँद जैसे दोस्त को याद किया.
शुभ रात्रि
2- सो जा ऐ दिल कि अब धुन्ध बहुत है तेरे शहर में, अपने दिखते नहीं और जो दिखते है वो अपने नहीं. शुभ रात्रि
3- आपके होठों पे मुस्कान भेज दूँ, आपके पास अपनी यादें भेज दूँ, सोने का हुआ है वक्त अभी, आपके लिए प्यारा सा ख्वाब भेज दूँ. शुभ रात्रि
4- अच्छे ख्वाबो के साथ सोना नई उम्मीदों के साथ उठना! शुभ रात्रि
5- सूरज का ढलना भी जरूरी है, चाँद का निकलना भी जरूरी है, ऐ वक़्त तू जरा भी न ठहर, इनका साथ देना भी जरूरी है. शुभ रात्रि
6- फूलों की तरह महकते रहो, सितारों की तरह चमकते रहो, किस्मत से मिली है ये ज़िंदगी, खुद भी हँसो और औरों को भी हँसाते रहो। शुभ रात्रि
7- यूँ खाली पलकें झुका देने से नींद नही आती, सोते वही लोग है जिनके पास किसी की यादें नही होती। सोचता रहा ये रातभर करवट बदल बदलकर, जानें वो क्यों बदल गया, मुझको इतना बदलकर। शुभ रात्रि
8- आसमान के आगोश में सब समाएं हैं, हिफ़ाज़त करे जो सबकी वो फ़रिश्तों की दुआएं है चाँदनी लेकर ये रात आपके आँगन में आये, आसमान के सारे तारे लोरी गा कर आपको सुलायें आपके इतने प्यारे और मीठे हों सपने आपके, कि आप सोते हुए भी सदा मुस्कुराएं..!! शुभ रात्रि
9- पूरे दिन की थकान के बाद अब ये खुबसुरत रात आई है, सो जाए मीठें सपनों के साथ क्योंकी निंदीया रानी आई है। शुभ रात्रि
10- ये जो चाँद है मेरे दिल का अरमान है कहने को बहुत दूर है मुझसे, फिर भी रोशन इससे मेरा जहान है।
शुभ रात्रि