26 फरवरी से 5 मार्च तक होलाष्टक का आरंभ हो रहा है इन 8 दिनों तक शुभ काम न करें. इसका ज्योतिषीय कारण अधिक वैज्ञानिक, तर्क सम्मत तथा ग्राह्य है. ज्योतिष के अनुसार, अष्टमी को चंद्रमा, नवमी को सूर्य, दशमी को शनि, एकादशी को शुक्र, द्वादशी को गुरु, त्रयोदशी को बुध, चतुर्दशी को मंगल, तथा पूर्णिमा को राहू उग्र स्वभाव के हो जाते हैं.इन ग्रहों के निर्बल होने से मानव मस्तिष्क की निर्णय क्षमता क्षीण हो जाती है और इस दौरान गलत फैसले लिए जाने के कारण हानि होने की संभावना रहती है.
विज्ञान के अनुसार भी पूर्णिमा के दिन ज्वारभाटा, सुनामी जैसी आपदाएं आती रहती हैं या मनोरोगी व्यक्ति और उग्र हो जाता है. ऐसे में सही निर्णय नहीं हो पाता. जिनकी कुंडली में नीच राशि के चंद्रमा, व वृृश्चिक राशि के जातक या चंद्र छठे या आठवें भाव में हैं उन्हें इन दिनों अधिक सतर्क रहना चाहिए. मानव मस्तिष्क पूर्णिमा से 8 दिन पहले कहीं न कहीं क्षीण, दुखद, अवसाद पूर्ण, आशंकित तथा निर्बल हो जाता है.ये अष्ट ग्रह, दैनिक कार्यकलापों पर विपरीत प्रभाव डालते हैं.