सबसे लोकप्रिय सर्च इंजन कंपनी ने अपने सर्च Algorithm में बड़ा बदलाव किया है. अब वो केवल ऑरिजिनल रिपोर्टिंग और कंटेंट को ही प्रमोट करेगा. बता दे कि दुनिया भर की मीडिया आउटलेट्स द्वारा पिछले कई सालों से आलोचना झेलने के बाद Google ने ये अहम कदम उठाया है. Google ने अपने ब्लॉग पोस्ट में कहा है कि उन्हीं न्यूज स्टोरीज को प्रमोट किया जाएगा, जिसमें इन्वेस्टिगेटिव स्कील्स और जर्नलिस्टिक एथीक्स का बढ़िया तरीके से इस्तेमाल किया गया है. आइए जानते है पूरी जानकारी विस्तार से
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि जो आर्टिकल इन-डेप्थ और इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्टिंग से भरे होंगे उनके Google सर्च में रैंक करने के ज्यादा चांस होंगे और उन्हीं रिपोर्ट और आर्टिकल को अधिक से अधिक रेट किया जाएगा. इस मामले में Google ने पब्लिशर्स और स्टोरीज को रेट करने के लिए नई गाइडलाइंस भी जारी की है. नई गाइडलाइंस के मुताबिक, दुनिया भर के 10,000 से ज्यादा रेटर्स पब्लिशर द्वारा ऑरिजिनल रिपोर्टिंग के ओवरऑल रिप्यूटेशन और काम को देखकर ही रेट कर सकेंगे.Google के वाइस प्रेसिडेंट रिचर्ज ने अपने ब्लॉग पोस्ट में यह भी कहा है कि रिव्यूअर्स के फीडबैक से किसी भी स्पेसिफिक रिजल्ट के रैंकिंग में कोई बदलाव नहीं होगा. मौजूदा स्तिथि में Google सर्च में वही कंटेंट दिखाई देते हैं जो सबसे रिसेंट हो और ज्यादा विस्तारपूर्वक हो. Google ने यह कदम सभी यूजर्स को बेहतर और ऑरिजिनल स्टोरीज के एक्सेस के लिए उठाया है. रिचर्ड ने अपने ब्लॉग पोस्ट में मी टू, पनामा पेपर लीक, Opioid क्राइसिस जैसी घटनाओं का जिक्र करते हुए लिखा है कि इन सभी घटनाओं के पीछे एक बेहद ही संजीदा और इन्वेस्टिगेटिव पत्रकारिता है. इन सभी ऑरिजिनल स्टोरीज का सभी को एक्सेस होना चाहिए.
जानिए नया Algorithm कैसे करता है काम
Google News Search के Algorithm में बदलाव का असर धीरे-धीरे दिखने लगेगा. मान लीजिए, आपने किसी घटना के बारे में सर्च किया या जानने की कोशिश की, तो Google सर्च में वही स्टोरीज सबसे ऊपर और पहले रैंक करेगी, जिसमें उस घटना की ऑरिजिनल रिपोर्टिंग की गई है. यहां ऑरिजिनल रिपोर्टिंग का मतलब ये है कि जिस स्टोरी में उस घटना के बारे में ठीक तरीके से इन्वेस्टिगेट किया गया हो या फिर रिपोर्ट किया गया हो.
जानिए क्या हुआ Algorithm में बदलाव
दुनिया भर की मीडिया हाउस से Google को काफी समय से आलोचना झेलनी पड़ रही थी, क्योंकि Google सर्च में ज्यादा क्लिकेबल हेडलाइन वाली स्टोरीज सबसे ऊपर रैंक करती थी. जिसका खामियाजा इन्वेस्टिगेटिव और डिटेल रिपोर्टिंग करने वाली मीडिया हाउस को भुगतना पड़ता था. Google न्यूज सर्च के पहले के Algorithm की बात करें तो वह केवल मोस्ट रिसेंट और क्लिक बेट टाइप के न्यूज को ऊपर रैंक करता था. इसकी वजह से ऑरिजिनल और डिटेल्ड कंटेंट नीचे चले जाते थे.
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