Google के ये फीचर साइबर अटैक्स से करते है यूजर अकाउंट की रक्षा

Google के ये फीचर साइबर अटैक्स से करते है यूजर अकाउंट की रक्षा
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Gmail से लेकर Google Photos के लिए Google अपने यूजर्स को सुरक्षित रखने के लिए सिक्योरिटी टूल्स इनेबल करने की सलाह दे रहा है. इससे यूजर्स अपने अकाउंट और डाटा को हैक होने से बचा सकते हैं. Google ने इन फीचर्स को महत्वपूर्ण बताते हुए ऐसे आंकड़ें पेश किए हैं, जिनसे पता चलता है की कितने कारगर साबित यह फीचर्स हो सकते हैं. आइये जानते है पूरी जानकारी विस्तार से

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सबसे ज्यादा सुरक्षा टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन में मिलती है

कई सालों से Google यह बता रहा है और अब तो आंकड़ें भी यह साबित करते हैं की टू-स्टेप वेरिफिकेशन फिलहाल उपलब्ध सबसे सिक्योर माध्यम है.

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किस प्रकार फोन नंबर एड करके बचा सकते हैं अटैक्स से

गूगल के साथ न्यू यॉर्क यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया क रिसर्चर्स ने पार्टनरशिप की है. यह पार्टनरशिप यह पता लगाने के लिए की गई है की सिक्योरिटी टूल्स की मदद से किस स्तर तक हाईजैक की कोशिशों को रोका जा सकता है. हाल ही में वेब कांफ्रेंस में पेश किए गए रिजल्ट्स में यह सामने आया की गूगल अकाउंट में रिकवरी फोन नंबर एड करने से 100 प्रतिशत Bot अटैक्स, 99 प्रतिशत ऑटोमेटेड फिशिंग अटैक्स और 66 प्रतिशत टार्गेटेड अटैक्स को ब्लॉक किया जा सकता है.

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हाल ही में हुई एक रिसर्च में यह बात सामने आई कि एसएमएस वेरिफिकेशन पर आधारित फोन नंबर का इस्तेमाल करने से 100 प्रतिशत ऑटोमेटेड बोट्स, 96 प्रतिशत बल्क फिशिंग अटैक्स और 76 प्रतिशत टार्गेटेड अटैक्स से बचा जा सकता है।सिक्योरिटी key है सबसे सुरक्षितध्यान देने वाली बात यह है की, सभी टू-स्टेप वेरिफिकेशन के तरीकों में से फिजिकल सिक्योरिटी केसबसे मजबूत अकाउंट शील्ड है. यह सभी तरह के अटैक्स को ब्लॉक कर देता है.

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प्राप्त जानकारी के अनुसार 2 स्टेप वेरिफिकेशन को इस्तेमाल ना करने से होने वाले नुकसान Google ने दिखाया है उसी रिसर्च ने यह भी देखा की डिफॉल्ट साइन-इन वेरिफिकेशन से क्या प्रभाव पड़ता है. इससे अगर किसी नाई डिवाइस या लोकेशन से साइन-इन की कोशिश होती है तो कंपनी इस तरह की एक्टिविटीज का पता लगा लेती है. इसके रिजल्ट्स के अनुसार इन तरीकों से बोट पर आधारित अटैक्स से तो बचा जा सकता है, लेकिन यह उतना कामगर फिशिंग या टार्गेटेड अटैक्स में नहीं है.

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