नई दिल्ली. एयर डेक्कन के चेयरमैन जी आर गोपीनाथ का मानना है कि विजय माल्या ‘किसी राजनीतिक षडयंत्र नहीं बल्कि अपनी तड़क भड़क वाली जीवनशैली और अक्खड़पन का शिकार हुए हैं'. गोपीनाथ ने कहा कि प्रचलित नियमों के चलते ही किंगफिशर एयरलाइंस उनकी कंपनी का अधिग्रहण कर पाई थी. गोपीनाथ ने 2007 में एयर डेक्कन को 1000 करोड़ रुपये में किंगफिशर एयरलाइंस को बेचा वह भी उन दिनों जबकि विमानन क्षेत्र फल फूल रहा था.
गोपीनाथ ने कहा कि शराब के प्रमुख व्यवसायी माल्या ऋण चूक के दिनों में अपनी गतिविधियों को लेकर सजग नहीं थे. इसके साथ ही उन्होंने माल्या को राजनीतिक फुटबाल करार दिया जिन्होंने उस समय बैंकों से कर्ज लिया जबकि कांग्रेस नीत राजग सरकार सत्ता में थी. किसी राजनीतिक दल का नाम लिए बिना ही गोपीनाथ ने संकेत दिया कि एक पार्टी माल्या को देश छोड़ने की अनुमति दिए जाने से नाराज थी तो दूसरी पार्टी ने पहली पार्टी पर माल्या के खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया.
उल्लेखनीय है कि कर्ज बोझ से दबी किंगफिशर एयरलाइंस का परिचालन 2012 में बंद हो गया. कंपनी पर बैंकों का 9000 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है. माल्या भी भारत से भागकर लंदन चले गए जहां उनके खिलाफ भारत पत्यर्पण किए जाने का मामला चल रहा है. किसी समय अपनी चकाचौंध भरी जीवन शैली, फार्मूला-1 में रुचि रखने और हर साल तड़क-भड़क वाले कलेंडर जारी करने के लिए चर्चित माल्या अब ‘कर्ज नहीं चुकाने वालों का उदाहरण’ बनकर रह गए हैं.
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